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Border Dispute: बेलगाम मामले को लेकर भड़के फडणवीस, कहा– SC में लड़ेंगे केस, लेकर रहेंगे सभी मराठी गांव

Fadnavis raging on Karnataka over Belgaum case : वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों ही राज्यों के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है। फडणवीस बोम्मई से फोन पर बातचीत के दौरा सीमा विवाद को लेकर जारी हिंसा पर नाराजगी व्यक्त की है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर उपजी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। गंभीर होती परिस्थितियों का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि रांकापा प्रमुख शरद पवार ने केंद्र से हस्तक्षेप तक की मांग की है। वैसे तो दोनों ही राज्यों के बीच सीमा विवाद बरसों पुराना है, लेकिन महाराष्ट्र के नेताओं के कर्नाटक दौरा किए जाने के बाद यह विवाद हिंसक रूख अख्तियार कर चुका है। आलम यह है कि कहीं महाराष्ट्र से कर्नाटक आने वालों पर पथराव किया जा रहा है, तो कहीं गाड़ियों पर कालिख पोती जा रही है। महाराष्ट्र के नेताओं द्वारा कर्नाटक दौरे का विरोध किया जा रहा है।

दरअसल, यह पूरा विवाद बेलगाम को लेकर उपजा है। वैसे तो भौगोलिक दृष्टि से यह कर्नाटक में स्थित है, लेकिन महाराष्ट्र इस पर अपना दावा ठोकता है, जबकि कर्नाटक इसे अपना बताता है। कुल मिलाकर दोनों ही राज्यों के बीच सीमा विवाद जारी है, लेकिन अब यह विवाद हिंसा का शक्ल अख्तियार कर चुका है, जिसके बाद दोनों ही सूबों में सियासी बखेड़ा खड़ा हो चुका है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को यहां तक कह चुके हैं कि अगर 24 घंटे तक हिंसा नहीं थमी तो सीधे तौर पर इन सबके जिम्मेदार बोम्मई होंगे। पवार ने सख्त लहजे में उक्त बयान जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र से भी हस्तक्षेप की मांग की है।

devendra fadnavis

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों ही राज्यों के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है। फडणवीस ने बोम्मई से फोन पर बातचीत के दौरान सीमा विवाद को लेकर जारी हिंसा पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को भी उठाने की मांग की है। वहीं, देवेंद्र फडणवीस ने सीमा विवाद को लेकर जारी हिंसा पर कहा कि महाराष्ट्र का कोई भी गांव कर्नाटक में नहीं जाएगा, बल्कि हमारी सरकार बेलगाम, निप्पणी और कारावार जैसे गांवों को वापस लेकर रहेगी।

उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम में भी हम अपना पक्ष पुरजोर तरीके से रखेंगे और अपने मराठी भाषा गांवों को लेकर रहेंगे। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर दोनों ही सूबों की राजनीति में घमासान मच चुका है। दोनों ही सूबे के सियासी नुमाइंदों के बीच वार-प्रतिवार का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।