इंफाल। मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनसे रेप के मामले में राज्य के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता और उनके बेटे को आरोपी बताने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। आरएसएस के नेता और उनके बेटे की तस्वीर लगाकर काफी दिनों से दोनों को महिलाओं से बदसलूकी का आरोपी बताया जा रहा था। सीपीएम की नेता और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने भी दोनों की तस्वीर साझा कर ट्विटर पर यही आरोप लगाया था, लेकिन बाद में उन्होंने हकीकत जानकर माफी मांग ली, लेकिन पुरानी पोस्ट डिलीट नहीं की। अब सुभाषिनी अली पर भी केस दर्ज कराया गया है। मणिपुर पुलिस फर्जी दावे वाला ये पोस्ट करने के मामले में अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर जांच कर ही रही है।
मणिपुर में बीते दिनों कुकी समुदाय की दो महिलाओं का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर खेतों में ले जाती भीड़ दिखी थी। महिलाओं में से एक ने आरोप लगाया कि खेत में उससे गैंगरेप किया गया। आरोप है कि मैतेई समुदाय के लोग इस भीड़ में शामिल थे। इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख और नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि मणिपुर की बहनों और बेटियों से ऐसी बदसलूकी करने वाले एक भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद मणिपुर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए वीडियो से आरोपियों को पहचाना और एक नाबालिग समेत 6 को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद ही आरएसएस के नेता और उनके बेटे की फोटो लगाकर दोनों को महिलाओं से बदसलूकी और रेप का आरोपी बताया जा रहा था। अब मणिपुर पुलिस के सूत्रों का कहना है कि जिन्होंने भी फर्जी खबर फैलाई, उनको गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलाई जाएगी। बता दें कि मणिपुर में कुकी महिलाओं से बदसलूकी का मामला भी एक फर्जी खबर के वायरल होने के बाद ही हुआ था। इससे साफ होता है कि किस तरह सोशल मीडिया पर फेक न्यूज का बोलबाला है और इसके कितने खतरनाक नतीजे निकल सकते हैं।