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Farm Laws: कृषि कानूनों का विरोध करने वाले अब सिर्फ इतने ही बचे, किसान नेता चढ़ूनी ने दी ये धमकी

Farmers Protest: 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद हालांकि इनकी संख्या कम हुई है। हर जगह करीब 200-250 ही आंदोलनकारी बच गए हैं। धरना देने वालों के नेता इससे परेशान हैं, लेकिन जिद की वजह से आंदोलन को जारी रखा हुआ है।

नई दिल्ली। दिल्ली में तीन जगह चल रहे कृषि कानून विरोधी धरने में अब कम ही लोग रह गए हैं। यूपी गेट, सिंघू बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर लगे टेंटों में ही आंदोलनकारी बचे हैं। बावजूद इसके आम लोगों के लिए इन्होंने रास्ते बंद कर रखे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और यूपी सरकार को इन्हें हटाने के लिए कहा है। वहीं, कृषि कानूनों का विरोध कर रहे करीब 37 हजार किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 136 केस दर्ज कर रखे हैं। इन केस का हरियाणा के किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने विरोध किया है। चढ़ूनी ने कहा है कि अगर किसानों को गिरफ्तार किया गया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस नोटिस पर नोटिस भेज रही है और आंदोलनकारियों को थाने तलब किया जा रहा है।

Farmer Protest

करीब 9 महीने से आंदोलनकारियों ने दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रखा है। हाइवेज पर टेंट लगाकर वे कब्जा जमाकर बैठे हैं। कई जगह स्थायी निर्माण भी कर लिया है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद हालांकि इनकी संख्या कम हुई है। हर जगह करीब 200-250 ही आंदोलनकारी बच गए हैं। धरना देने वालों के नेता इससे परेशान हैं, लेकिन जिद की वजह से आंदोलन को जारी रखा हुआ है।

Farmers Leader

आंदोलनकारियों की वजह से हर रोज करीब 2 लाख गाड़ी वालों को आने-जाने में दिक्कत होती है। नोएडा के एक व्यक्ति ने इस बारे में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने इस पर साफ कहा कि सड़क जाम नहीं की जा सकती। बावजूद इसके लोग हटने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं, पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इससे लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ रहा है।