newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Punjab: संयुक्त किसान मोर्चा को झटका!, किसान नेताओं ने किया चुनाव लड़ने का एलान तो इन संगठनों ने कर दिया इंकार, बोले- ‘अलग हो जाओ’

Punjab: खुद को चुनाव से दूर रखने वाले संगठनों में से एक जय किसान आंदोलन के गुरबख्श सिंह ने चुनावी मोर्चा बना कर चुनाव में जाने वाले किसान संगठनों व व्यक्तियों से अपील की है कि वह कम से कम साल भर चले किसानों के आंदोलन की विरासत का राजनीतिक लाभ लेने से परहेज करें।

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब राजनीतिक उठापठक चल रही है। सभी पार्टियां चुनाव के लिए तैयारी कर चुकी है। वहीं पिछ्ले साल से अभी तक पंजाब के किसान भी दिल्ली के बॉर्डर पर किसान बिल के खिलाफ आंदोलन पर बैठे थे। लेकिन लगभग 25 संगठन मिलकर अब पंजाब चुनाव में उतरने वाले हैं। खबरों की मानें तो किसान संगठनों ने शुक्रवार देर शाम लुधियाना के पास हुई एक बैठक में फैसला लिया है। एसकेएम बनाने वाली 32 यूनियनों में से 7 ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है, लेकिन शेष 20 ने राजनीति में उतरने का फैसला किया है।

kisan aandolan 1

किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के 32 संगठनों में से 25 संगठन चुनाव में उतरने का मन बना चुके हैं जबकि सात संगठनों ने चुनाव लड़ने या राजनीति में उतरने से इंकार कर दिया है। दिल्ली प्रदर्शन करने पहुंचे किसान संगठनों में से कीर्ति किसान संघ, क्रांतिकारी किसान संघ, बीकेयू क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष समिति, बीकेयू सिद्धूपुर, किसान संघर्ष समिति और जय किसान आंदोलन ने राजनीति और चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है।

kisan..

वहीं खबरों के अनुसार किसान नेताओं का कहना है कि पंजाब में आप सरकार अभी तक नहीं बनी है और दिल्ली में किसान आंदोलन के वक्त दिल्ली की आप सरकार ने किसानों की मदद भी की है, ऐसे में हमें आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने से कोई एतराज नहीं हैं।

खुद को चुनाव से दूर रखने वाले संगठनों में से एक जय किसान आंदोलन के गुरबख्श सिंह ने चुनावी मोर्चा बना कर चुनाव में जाने वाले किसान संगठनों व व्यक्तियों से अपील की है कि वह कम से कम साल भर चले किसानों के आंदोलन की विरासत का राजनीतिक लाभ लेने से परहेज करें। उन्होंने कहा, ”किसान संगठन या किसान नेता राजनीतिक पार्टी बना कर चुनाव में उतरने का इरादा व्यक्त करते हैं वे संयुक्त किसान मोर्चा से खुद को अलग करने की घोषणा कर दें।”