नई दिल्ली। किसी न किसी मसले पर अपनी बेबाक राय को लेकर सुर्खियों में बनी रहने वालीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर से अपने बयान की वजह से चर्चा में आ गई हैं। इस बार उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बयान दिया है। जिसमें उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को बेहद ही खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग आतंकी गतिविधियों के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग में भी किया जा रहा है। लिहाजा इस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि तकनीक के उपयोग से पहले उसके नियमन की व्यवस्था सुदृढ़ करनी होगी। अगर कोई देश यह सोचता है कि वो चीजों को हैंडल कर सकता है, तो यह ठीक है, लेकिन उससे पहले उसकी व्यवस्था को सुदृढ़ करना हमारी जरूरत है। ध्यान रहे कि वित्त मंत्री का क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में उपरोक्त बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब अनवरत इस वर्चुल करेंसी का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। इसकी लोकप्रियता अंतरराष्ट्रीय बाजार से लेकर राष्ट्रीय बाजारों में भी लगातार बढ़ रही है।
बता दें कि उन्होंने यह बयान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यक्रम के दौरान दिया है। वित्त मंत्री अभी आईएमएफ के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए अमेरिका पहुंची हुई हैं, जहां उन्होंने उपरोक्त बयान दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अब हम ऐसी परिस्थिति में दाखिल हो चुके हैं, जहां हालात बहुत बदल रहे हैं, लोगों की जीवनशैली में व्यापाक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह कहने में कोई दोमत नहीं है कि आगामी दिनों में डिजिटल करेंसी का उपयोग तेजी से बढ़ने जा रहा है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि अतिशीघ्र भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से भी डिजिटल करेंसी की शुरुआत होने जा रही है। इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। बहुत जल्द ही इसे अब जीवंत करने की आवश्यकता है। लेकिन मौजूदा वित्तीय परिदृश्य को देखकर ऐसा लगता नहीं है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सहज महसूस कर रही है और इससे भी अत्यंत गंभीर विषय यह है कि अब इसका अवैध गतिविधियों में भी बड़े पैमाने पर उपयोग शुरू हो चुका है, जिसे ध्यान में रखते हुए इस पर वैश्विक अंकुश लगाने की दिशा में विमर्श चल रहा है।