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Union Budget 2023: इनकम टैक्स और जीएसटी से कमाई बढ़ाना होगा वित्त मंत्री सीतारमण का लक्ष्य, बजट में आज उठा सकती हैं खास कदम

सरकार के आय के मुख्य स्रोत आमतौर पर इनकम टैक्स और जीएसटी माने जाते हैं, लेकिन भारत में इन दोनों ही मदों से सरकार की आमदनी काफी कम होती है। 140 करोड़ की आबादी में 6 करोड़ से भी कम लोग इनकम टैक्स देते हैं। जबकि, जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों की तादाद भी करीब 1.5 करोड़ ही है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूरा बजट आज पेश होने जा रहा है। सरकार का इरादा अपनी कमाई बढ़ाने और खजाना भरने पर है। क्योंकि खजाना भरे बगैर देश की सुरक्षा से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने और गरीबों को मुफ्त अनाज, घर देने और पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जरूरी व्यवस्थाएं करने में बड़ी दिक्कत होती है। सरकार के आय के मुख्य स्रोत आमतौर पर इनकम टैक्स और जीएसटी माने जाते हैं, लेकिन भारत में इन दोनों ही मदों से सरकार की आमदनी काफी कम होती है। 140 करोड़ की आबादी में 6 करोड़ से भी कम लोग इनकम टैक्स देते हैं। जबकि, जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों की तादाद भी करीब 1.5 करोड़ ही है।

INCOME TAX DEPARTMENT

पहले बात इनकम टैक्स की कर लेते हैं। इनकम टैक्स डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष कर में आता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के आम बजट में निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स से 22.17 लाख करोड़ की आय का लक्ष्य रखा था। जबकि, इस वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स से 27.07 लाख करोड़ सरकार को मिले। इससे पहले के वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स से 20.27 लाख करोड़ की आय सरकार को हुई थी। इस तरह 2020-21 के मुकाबले सरकार की इनकम टैक्स से आय 34 फीसदी बढ़ी है। 2022-23 में इनकम टैक्स से हुई आय का पता अगस्त के महीने तक चलेगा। सरकारी सूत्रों का दावा है कि ये पिछली बार से ज्यादा होगा। सूत्रों ने ये भी कहा कि इनकम टैक्स दाखिल करने वालों की संख्या भी बढ़नी तय है।

gst

बात अब जीएसटी की करते हैं। ये इनडायरेक्ट यानी अप्रत्यक्ष तौर पर कर है। ज्यादातर सामान पर जीएसटी लगता है। समय-समय पर जीएसटी के दायरे में आने वाले सामान की लिस्ट भी बदलती रहती है। ये बदलाव जीएसटी काउंसिल करती है। अगर 2022-23 के वित्तीय वर्ष की बात करें, तो इस साल सरकार ने औसतन हर महीने 1.40 लाख करोड़ के आसपास जीएसटी हासिल की है। फिर भी चिंता इस बात की है कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वाले व्यापारियों की तादाद कम है। साथ ही फर्जी बिल के तमाम मामले भी इस साल सामने आए। इनपर पेनाल्टी लगाई गई। निर्मला सीतारमण का इरादा जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों की तादाद में बढ़ोतरी के साथ ही फर्जी बिलों की समस्या से भी पार पाने का होगा। कुल मिलाकर इनकम टैक्स और जीएसटी चुकाने वालों की तादाद बढ़ाकर सरकार अपना राजस्व ठीक कर सकती है। क्योंकि टैक्स से ही उसकी अच्छी-खासी आय हो सकती है।