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Big Decision: जम्मू-कश्मीर के लिए मोदी सरकार ने उठाया अहम कदम, पहली बार गुज्जर समुदाय के व्यक्ति को दी राज्यसभा सदस्यता

संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद ये बड़ा फैसला है। इससे पहले गुज्जर समुदाय के किसी नेता को राज्यसभा में नहीं देखा गया है। मोदी सरकार ने साल 2019 में अनुच्छेद 370 को संसद से रद्द करा दिया था। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।

नई दिल्ली। एक अहम कदम के तहत पहली बार जम्मू-कश्मीर के गुज्जर समुदाय से एक नेता को राज्यसभा में नामित किया गया है। नामित होने वाले गुज्जर समुदाय के नेता का नाम गुलाम अली खटाना है। वो पेशे से इंजीनियर हैं और 14 साल से बीजेपी से जुड़े हैं। गुलाम अली खटाना ने लंबे समय तक बीजेपी की आईटी सेल में अपनी सेवाएं दी हैं। वो जम्मू के बठिंडी इलाके में रहते हैं। फिलहाल वो जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रवक्ता भी हैं। जम्मू-कश्मीर से फिलहाल राज्यसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं है। इसकी वजह ये है कि वहां अभी विधानसभा नहीं है। माना जा रहा है कि खटाना को राज्यसभा भेजकर मोदी सरकार ने बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में गुज्जर समुदाय के लोग खानाबदोशों की जिंदगी आमतौर पर जीते हैं और वे भेड़-बकरियां पालते हैं।

संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद ये बड़ा फैसला है। इससे पहले गुज्जर समुदाय के किसी नेता को राज्यसभा में नहीं देखा गया है। मोदी सरकार ने साल 2019 में अनुच्छेद 370 को संसद से रद्द करा दिया था। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। केंद्रीय मंत्री डॉ. जीतेंद्र सिंह ने गुलाम अली को राज्यसभा में मनोनीत होने पर बधाई देते हुए ट्वीट किया है। बीजेपी के तमाम और नेताओं ने भी गुलाम अली को मनोनीत किए जाने को गुज्जर समुदाय के लिए बड़ा और ऐतिहासिक कदम बताया है।

pm modi

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम हो चुका है। अब वोटर लिस्ट बन रही है। जिसके बाद यहां विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। केंद्र सरकार की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि सही वक्त आने पर जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। हालांकि, लद्दाख को केंद्र सरकार अपने तहत ही रखना चाहती है। इसकी वजह चीन भी है।