नई दिल्ली। 1.2 मीट्रिक टन (एमटी) ताजा कटहल आज त्रिपुरा से लंदन को निर्यात किया गया। यह उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये कटहल त्रिपुरा स्थित कृषि संयोग एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से मंगवाए गए थे। आपको बता दें कि त्रिपुरा ने कटहल पहली खेप का सफलतापूर्वक निर्यात किया है। यह कटहल यूनाइटेड किंगडम भेजा गया है।
कटहल की इस पहली खेप को गुरुवार को ट्रेन से गुवाहाटी भेजा गया था, जिसे दिल्ली के रास्ते यूनाइटेड किंगडम ले जाया गया। “कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने त्रिपुरा से कटहल के निर्यात का प्रस्ताव भेजा था। जिसके तहत गुवाहाटी स्थित एक कंपनी, कीगा एक्जिम्स प्राइवेट लिमिटेड से संपर्क किया गया, जिसने त्रिपुरा में किसानों से जुड़ने के लिए सिपाहीजला जिले के मेलाघर से एक अन्य संगठन, कृषि संयोग एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के साथ सहयोग किया और फिर कटहल की एक पूरी खेप यूनाइटेड किंगडम को भेजी गई।
त्रिपुरा के कटहल का स्वाद अनोखा होता है, इसलिए कंपनी ने किसानों से प्राप्त करने में रुचि दिखाई। इसके लिए किसानों को 30 रुपये प्रति पीस का भुगतान किया गया। एपीडा, जो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का हिस्सा है ने शुक्रवार को नई दिल्ली से इस खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसको लेकर त्रिपुरा के कृषि मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय ने कहा कि इंग्लैंड पहली बार त्रिपुरा के मीठे कटहल के स्वाद का अनुभव करेगा क्योंकि राज्य उन्हें पहली बार निर्यात कर रहा है।
इससे पहले राज्य मध्य पूर्वी देशों को अनानास और नींबू का सफलतापूर्वक निर्यात करता रहा है। हाल ही में ‘रेड राइस’ की पहली खेप असम से यूएसए भेजी गई थी। आयरन से भरपूर ‘लाल चावल’ असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में बिना किसी रासायनिक खाद के उगाए जाते हैं। चावल की किस्म को ‘बाओ-धान’ कहा जाता है, जो असमिया भोजन का एक अभिन्न अंग है।