
नई दिल्ली। महिला आरक्षण विधेयक पर सदन में चर्चा का सिलसिला जारी है। बीते दिनों केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे लोकसभा में पेश किया था , जिसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे आधे राज्यों की विधानसभाओं में पेश किया जाएगा। इसके बाद यह कानून का रूप धारण कर लेगा। जिसके बाद महिलाओं को राजनीति में 33 फीसद आरक्षण दिया जाएगा, लेकिन उससे पहले इस पर राजनीति का सिलसिला शुरू हो चुका है, जिस पर अब ताजा बयान मायावती का सामने आया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
क्या बोलीं मायावती
दरअसल, मायावती ने कहा कि, ””इस बिल के मुताबिक आने वाले 15-16 सालों में देश में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा. इस बिल के पास होने के बाद इसे तुरंत लागू नहीं किया जाएगा. सबसे पहले देश में जनगणना कराई जाएगी और इसके बाद सीटों का परिसीमन किया जाएगा. जनगणना में काफी वक्त लगता है… इसके बाद ही ये बिल लागू होगा… इससे साफ है कि ये बिल महिलाओं को आरक्षण देने के इरादे से नहीं लाया गया है. लेकिन आगामी चुनाव से पहले महिलाओं को प्रलोभन देने के लिए है।
#WATCH | On Women’s Reservation Bill BSP chief Mayawati says, “According to this bill the reservation will not be provided to women in the country in the coming 15-16 years. After the passing of this bill, it wouldn’t be implemented immediately. First, a census in the country… pic.twitter.com/YjjeqTJ80P
— ANI (@ANI) September 20, 2023
मायावती ने कहा कि वो इस बिल के संदर्भ में लाए गए कुछ प्रावधानों से सहमत नहीं हैं। इसके लिए जनगणना की जरूरत होगी, जिसमें कुछ समय लगेगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इस बिल को कानून बनने में 15 से 16 साल लग जाएंगे। ऐसे में सरकार को कुछ ऐसे प्रावधान लाने चाहिए जिससे महिलाओं को जल्द से जल्द आरक्षण मिल सकें। मायावती ने कहा कि सरकार की मंशा साफ नहीं है। यह बिल आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। उन्होंने कहा कि एससी एसटी महिलाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है।