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Interactive Session S. jaishanker : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जी20 को लेकर बताया पीएम नरेंद्र मोदी का विजन

Interactive Session S. jaishanker : पूर्वोत्तर की बात करते हुए विदेश मंत्री बोले, विभाजन के बाद पहले कुछ दशकों में, पूर्वोत्तर भारत को विकास का जो स्तर देखना चाहिए था, हमने वास्तव में उसे अवरुद्ध होते देखा।

नई दिल्ली। दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में दक्षिण पूर्व एशिया और जापान के साथ पूर्वोत्तर भारत के एकीकरण पर एक इंटरैक्टिव सेशन के दौरान, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, हम आज एक विशाल क्षमता वाला देश हैं। यदि आप देखें कि भारत में कितने विश्व धरोहर स्थल हैं और फिर देखें कि कहां-कितने पर्यटक आते हैं, तो आप देख सकते हैं इस पर काम करने की जरूरत है। यही कारण है कि हमने वास्तव में पूरे देश में पूरे एक साल के लिए जी20 का आयोजन किया क्योंकि पीएम मोदी ने निर्देश दिए थे कि एक भी राज्य छूट न जाए। यह शायद दुनिया का राजनयिक ध्यान आकर्षित करने के मामले में हमने सबसे बड़ा काम किया है, लेकिन वह राजनयिक ध्यान सिर्फ दिल्ली और 3-4 अन्य महानगरों में नहीं होना चाहिए हर राज्य में हो और हमने यह सुनिश्चित किया।

जयशंकर कहते हैं कि भारत के विभाजन ने कई मायनों में उस प्राकृतिक कनेक्टिविटी को तोड़ दिया जो पूर्वोत्तर भारत ने हासिल की थी। विभाजन के बाद पहले कुछ दशकों में, पूर्वोत्तर भारत को विकास का जो स्तर देखना चाहिए था, हमने वास्तव में उसे अवरुद्ध होते देखा क्योंकि उन्हें वो सभी लाभ नहीं मिले जो भारत के कई अन्य हिस्सों को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा लोगों को बताता हूँ भारत को पूर्व की ओर देखने के लिए। दिल्ली को पहले पूर्व की ओर देखना चाहिए और पूर्वोत्तर को देखना चाहिए।

यदि आप पिछले दशक को देखें, तो पूर्वोत्तर भारत वास्तव में भारत-बांग्लादेश संबंधों में इस नाटकीय सुधार का एक बड़ा लाभार्थी रहा है, जब हमने 2015 में भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता किया था, तब चीजें व्यवस्थित होने के बाद दोनों देशों में विश्वास का एक नया स्तर देखने को मिला। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि हमारे 21 जहाज समुद्र में अंतरराष्ट्रीय जहाजों की सुरक्षा कर रहे हैं। इसके लिए हमें वास्तव में दुनिया का सम्मान मिलता है और जब आपको सम्मान मिलता है तो आपको और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए ऊर्जा मिलती है।