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Kapil Sibal on Rahul Disqualification: पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का बड़ा बयान, कहा- 2 साल की सजा के बाद राहुल की सांसदी जाना था तय

Kapil Sibal on Rahul Disqualification: दरअसल, कभी कांग्रेस के नेता रहे कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता छीने जाने पर कहा कि कानून के मुताबिक, किसी मामले में किसी सांसद या विधायक की दोषी सिद्ध होने के बाद उसे दो साल की सुनाई जाती है, तो उसे योग्यता छीनी जा सकती है, लेकिन संबंधित सांसद या विधायक के पास कानून के मुताबिक आगे बढ़ने का विकल्प होगा।

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जोरदार झटका लगा है। दरअसल, मोदी सरनेम मामले में आज राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। माना जा रहा है कि अब वे आगामी 6 सालों तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उनके खिलाफ यह कार्रवाई जन-प्रतिनिधित्व कानून के तहत की गई है। दरअलल, इस कानून के तहत अगर किसी राजनेता को किसी मामले में दोषी ठहराया जाता है, तो उसे संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का प्रावधान है। जिसके तहत राहुल गांधी के खिलाफ उक्त कार्रवाई की गई है। हालांकि, राहुल के पास इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प है। अब ऐसे में राहुल गांधी क्या कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

वहीं, इस फैसले के बाद विपक्षियों के बीच कोहराम मचा हुआ है। सभी एक सुर से इस फैसले को केंद्र की मोदी सरकार की तानाशाही बता रहे हैं, लेकिन इस पूरे मामले में सपा नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का बड़ा बयान सामने आया है। बता दें कि कपिल पहले कांग्रेस में ही थे, लेकिन बाद में उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था। इससे पूर्व वे कांग्रेस के जी-20 के सदस्य भी रह चुके हैं। ध्यान रहे कि कांग्रेस का जी-20 एक ऐसा गुट था, जो लगातार पार्टी की नीतियों के खिलाफ खुलकर बोलता था, लेकिन अब इस गुट के अधिकांश नेता दूसरे दलों का दामन थाम चुके हैं, तो ऐसे में अब इस गुट की प्रासंगिकता खत्म हो चुकी है। आइए, आगे जानते हैं कि कपिल सिब्बल ने राहुल प्रकरण पर क्या कुछ कहा है।

दरअसल, कभी कांग्रेस के नेता रहे कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता छीने जाने पर कहा कि कानून के मुताबिक, किसी मामले में किसी सांसद या विधायक की दोषी सिद्ध होने के बाद उसे दो साल की सुनाई जाती है, तो उसकी योग्यता छीनी जा सकती है, लेकिन संबंधित सांसद या विधायक के पास कानून के मुताबिक आगे बढ़ने का विकल्प होगा। इस बीच सपा नेता सिब्बल ने 2013 में लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले का हवाला देकर भी वस्तुस्थिति समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जब किसी भी राजनीतिक जन-प्रतिनिधित्व को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो कानून के मुताबिक उसकी संसद सदस्यता स्वत: खत्म कर दी जाती है। सदस्यता खत्म होने के बाद किसी भी जनप्रतिनिधित्व के 6 सालों तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।

वहीं, कपिल सिब्बल के इस बयान के सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। लेकिन, अब इस पर पूरे मसले पर कांग्रेस की ओर से क्या कुछ कदम उठाया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आपको बता दें कि अपनी संसद सदस्यता छीने जाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि वो हर कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्य़क्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी पहले से थी कि राहुल की सदस्यता जा सकती है, क्योंकि वो लगातार अडानी मुद्दे की जेपीसी जांच कराने की मांग केंद्र से कर रहे थे। उधर, राहुल की संसद सदस्यता छीने जाने के बाद निर्वाचन आयोग वायनाड पर उपचुनाव कराए जाने की दिशा में मंथन कर रहा है। माना जा रहा है कि अप्रैल माह में वायनाड में उपचुनाव कराया जा सकता है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।