
नई दिल्ली। पत्रकार रवीश कुमार आजकल चर्चा में हैं। वजह एनडीटीवी NDTV से उनका इस्तीफा है। रवीश कुमार ने बीते कुछ दिनों में कई इंटरव्यू दिए हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया था कि एनडीटीवी से उनको हटाने के लिए ही उद्योगपति गौतम अडाणी ने हजारों करोड़ खर्च किए हैं। तब सोशल मीडिया पर रवीश को यूजर्स ने निशाना भी बनाया था। इस इंटरव्यू के बाद रवीश कुमार ने यूट्यूब पर भोजपुरी का चैनल खोलने का एलान भी किया था। अब उन्होंने ‘बीबीसी’ को ताजा इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू से साफ संकेत मिलते हैं कि रवीश कुमार सिर्फ यूट्यूब चैनल की पत्रकारिता तक ही सिमटे रहने वाले नहीं हैं। उनका इरादा बड़ा है। यह इरादा सियासत में भी कूदने का लग रहा है।
न्यूज़रूम्स से लेकर सोशल मीडिया पर घूमते सवालों का रवीश कुमार से ही सीधा जवाब जानिए.
मंगलवार सुबह बीबीसी हिन्दी के सभी प्लेटफॉर्म्स पर देखिए रवीश कुमार (@ravishndtv) से बीबीसी न्यूज़ के इंडिया डिजिटल एडिटर मुकेश शर्मा (@BBCMukeshS) की ख़ास बातचीत.. pic.twitter.com/mrewAwU6Yu— BBC News Hindi (@BBCHindi) December 26, 2022
इंटरव्यू में रवीश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘आप कल्पना कीजिए कि अगर मैं राजनीति में हूं और लोकसभा में हूं, उनके सामने बोलते हुए। लोकसभा तो कोई नहीं खरीद सकता न?’ बता दें कि रवीश कुमार के भाई बृजेश पांडेय बिहार कांग्रेस के नेता हैं। वो बिहार कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी वो कांग्रेस के प्रत्याशी थे। रवीश ने जो लंबा इंटरव्यू दिया है, उसमें और भी तमाम सवालों के जवाब दिए हैं। रवीश कुमार ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में अपने इस्तीफे को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के इस्तीफे से भी जोड़ा। रवीश ने कहा कि डॉक्टर आंबेडकर को भी इस्तीफा देना होता है।

उन्होंने कहा कि इस्तीफे का कोई फिक्स कारण नहीं होता। अलग-अलग इस्तीफों की अपनी नैतिक परिस्थितियां होती हैं। उन्होंने एनडीटीवी के मालिक रहे प्रणय रॉय के बारे में कुछ भी कहने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि ऐसा कुछ नहीं कहना चाहता, जिससे प्रणय रॉय को लगे कि मैंने चिट्ठी छांटने वाले को यहां तक पहुंचाकर गलती की।