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Modi Govt 8 Years: आर्टिकल 370 से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक…8 साल में मोदी सरकार के 8 बड़े फैसले जिसे लेकर हुआ खूब बवाल और चर्चा

Modi Govt 8 Years: इनमें से कई फैसलों पर विवाद भी देखने को मिला है तो कई ऐसे भी फैसले रहे हैं जिनमें सरकार की किरकिरी भी हुई है। तो आज हम आपको सरकार के उन 8 ऐतिहासिक फैसलों के बारे में बताएंगे जो सरकार ने इन 8 सालों में लिए हैं…

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में बेमिसाल 8 साल पूरे कर लिए हैं। इन बीते हुए 8 साल में दोनों लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने पीएम मोदी के नेतृत्व में बंपर जीत हासिल की है। अब पार्टी का अगला लक्ष्य साल 2024 में आने वाले चुनाव है जिसमें भी पार्टी अपने इस जीत के क्रम को बरकरार रखने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। पीछे मुड़के देखा जाए तो मोदी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जिन्हें ऐतिहासिक माने गए हैं। इनमें से कई फैसलों पर विवाद भी देखने को मिला है तो कई ऐसे भी फैसले रहे हैं जिनमें सरकार की किरकिरी भी हुई है। तो आज हम आपको सरकार के उन 8 ऐतिहासिक फैसलों के बारे में बताएंगे जो सरकार ने इन 8 सालों में लिए हैं…

1. कृषि कानूनों को लागू करना और फिर इनकी वापसी- हाल ही से शुरूआत करें तो बीते साल यानी 2021 में मोदी सरकार किसानों की भलाई के नाम पर तीन नए कृषि कानून लाई थी जिन्हें विपक्ष के भारी विवाद के बाद भी संसद के दोनों सदनों में पास करा लिया गया। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ये कानून बने लेकिन किसानों को ये नए कानून बिलकुल रास नहीं आए। परिणामस्वरूप देशभर के किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं को घेर दिया। करीब 1 साल तक इसे लेकर किसानों का आंदोलन चला। कई दौर की बैठकें हुईं लेकिन सभी बेनतीजा रहीं। आखिरकार किसान आंदोलन ने सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया और इन कानूनों की वापसी हुई। ये नए कृषि कानून सरकार के कार्यकाल का एक बड़ा और विवादित फैसला रहा है।

2. आर्टिकल 370 का खात्मा- जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को पिछले कई दशकों से हटाने की मांग चली आ रही थी। भाजपा ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया और कहा कि अगर उनकी सरकार आती है तो वो इसे हटाने पर काम करेगी। जब साल 2014 में बीजेपी सत्ता में आई तो उन्होंने इसपर काम करते हुए 5 अगस्त 2019 को ऐलान किया कि आर्टिकल 370 को खत्म किया जा रहा है। सरकार ने इस फैसले से ठीक पहले तमाम स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर लिया गया। वहीं कई दिनों तक इंटरनेट जैसी सेवाओं पर भी रोक लगा दी थी। सरकार के इस फैसले ने भी लोगों और राजनीतिक दलों को चौंका दिया था। इसे लेकर खूब हंगामा भी हुआ, लेकिन सरकार अपने फैसले पर टिकी रही।

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3. तीन तलाक कानून- मुस्लिम धर्म में महिलाओं से बढ़ रहे तलाक के मामलों को देखते हुए सरकार ने तीन तलाक पर कानून बनाया। इस कानून से उन महिलाओं को राहत मिली जिन्हें उनके पतियों द्वारा तुरंत तीन बार तलाक बोलकर छोड़ दिया जाता था। इस कानून के तहत महिलाएं अपने हक के लिए लड़ सकती हैं। 1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने तीन तलाक विधेयक को पारित कराया जिसे थोडे़ विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन समाज के बड़े तबके ने इसका समर्थन किया। अब ये सरकार के कार्यकाल के बड़े फैसलों में से एक है।

4. नागरिकता कानून पर विवाद- साल 2019 में सरकार द्वारा एक और जो बड़ा फैसला लिया गया वो था नागरिकता (संशोधन) कानून का। इस कानून को लेकर संसद से लेकर सड़कों और टीवी में भी काफी बवाल देखने को मिला। मोदी सरकार का ये कानून उन समुदायों के लिए था जो कि पड़ोसी मुल्कों में सताए गए हों। इस कानून को लेकर सरकार का कहना था कि वो ऐसे तमाम नागरिकों को भारतीय नागरिकता देगी। हालांकि इस कानून में हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी ही शामिल थे, मुस्लिमों के लिए नागरिकता का प्रावधान नहीं था। यही कारण था कि इसे लेकर विवाद शुरू हुआ। विपक्षी नेताओं ने इस कानून को भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ बताया और मुस्लिम समुदाय ने सीएए के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया। इसी कानून को लेकर हो रहे विरोध का सबसे ज्यादा असर दिल्ली के शाहीन बाग में देखने को मिला। यहां कई महीने तक लंबा विरोध प्रदर्शन चला। 10 जनवरी 2020 को कानून लागू हुआ, लेकिन अब तक इसके नियमों को अधिसूचित नहीं किया गया है।

5. जीएसटी लागू करना- साल 2017 में मोदी सरकार द्वारा एक बड़ा फैसला लेते हुए तमाम टैक्सों को हटाकर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी को लागू किया गया। कई चुनौतियों के बीच सरकार जीएसटी को लेकर आई और इसे बड़ा कदम बताया गया। इसके लागू होने के बाद पूरे देश में एक टैक्स सिस्टम लागू हुआ जिसके तहत ये निर्धारित किया गया कि आधा जीएसटी केंद्र के हिस्से में और आधा राज्यों को दिया जाएगा।

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6. POK में सर्जिकल स्ट्राइक- मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद उरी में बड़ा आतंकी हमला देखने को मिला था। 18 सितंबर 2016 की सुबह आतंकी भारतीय सेना के कैंप में घुसे और सोते हुए जवानों को अपना निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे। पूरे देश में हमले को लेकर गुस्सा था लेकिन तभी अगले 10 दिन में इस हमले का बदला ले लिया गया। उरी का बदला लेने के लिए भारतीय जवानों ने पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में घुसकर आतंकियों पर धाबा बोल दिया। यहां मौजूद तमाम आतंकी लॉन्च पैड को नेस्तनाबूद कर दिया। करीब 40 से ज्यादा आतंकी इस हमले में मारे गए। इस फैसले से न सिर्फ मोदी सरकार का कद और ऊंचा हुआ बल्कि ये भी संदेश गया कि भारत चुप बैठने वालों में से नहीं है।

7. बालाकोट एयर स्ट्राइक- 2016 की ही तरह 2019 में भी भारतीय सेना के जवान आतंकी हमले का शिकार हुए। पुलवामा में हुए इस हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद देश में फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की मांग खड़ी हुई। तभी 26 फरवरी की सुबह भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने पीओके में घुसकर बमबारी कर दी। बालाकोट में आतंकी ठिकानों को हमले का निशाना बनाया गया। बताया गया कि हमले में कई आतंकी ढेर हुए। बाद में कई पाकिस्तान के फाइटर जेट भी भारतीय सीमा में घुसे जिन्हें भारतीय वायुसेना ने खदेड़ दिया। हालांकि इस दौरान भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन का प्लेन क्रैश हो गया और वो पाकिस्तानी सीमा में चले गए। हालांकि इतना सब होने के बाद वहां बंदी बनाए गए अभिनंदन को उन्हें भारत को सौंपना पड़ा।

8. नोटबंदी का फैसला- मोदी सरकार ने आते ही जो सबसे बड़ा फैसला लिया था, वो था नोटबंदी का। 8 नवंबर 2016 की रात अचानक पीएम मोदी टीवी पर आए और ये ऐलान कर दिया कि पुराने नोट अब काम में नहीं आएंगे। इस फैसले ने देश में मानों हलचल मचा दी। बैंकों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलीं। इस दौरान कई लोगों की मौत की भी खबरें सामने आईं। सरकार के इस फैसले की खूब आलोचना हुई लेकिन सरकार ने तर्क दिया कि इससे काले धन पर बड़ा प्रहार किया गया। सरकार के इस फैसले से देश में डिजिटल पेमेंट का चलन भी तेजी से बढ़ा और आज देशभर में ज्यादातर लोग इससे ही पैसों का लेन-देन करते हैं।