
लखनऊ। बाहुबली मुख्तार अंसारी गैंग में शामिल रहे खतरनाक गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ कचहरी में हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 3 सदस्यों की एसआईटी बनाई है। एसआईटी से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। जीवा की हत्या वकील के कपड़े पहनकर आए सुलतानपुर के केराकत निवासी संजीव यादव ने की। उसे दौड़ाकर मौके से ही पकड़ लिया गया था। इस मामले में संजीव यादव पर लखनऊ पुलिस के सब इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह ने केस दर्ज कराया है। एफआईआर में हत्या, हत्या की कोशिश, लोकसेवा को चोट पहुंचाने समेत कई धाराएं हैं।

लखनऊ पुलिस के मुताबिक शूटर संजीव जीवा की हत्या 357 बोर की अमेरिका में बने अल्फा रिवॉल्वर से की गई। इस रिवॉल्वर की कीमत 5 से 6 लाख रुपए है। भारत में ये रिवॉल्वर प्रतिबंधित भी नहीं है। इसके एक कारतूस की कीमत 1500 से 2000 रुपए है। सूत्रों के मुताबिक आमतौर पर पंजाब में हथियारों के शौकीन लोग अल्फा रिवॉल्वर रखते हैं। करीब से गोली चलाने पर ये हथियार काफी खतरनाक हो जाता है। संजीव यादव ने जब फायरिंग की, तो एक गोली वहां मौजूद महिला के हाथ को छेदकर उसकी बच्ची के पेट में भी लग गई। इसके अलावा एक सिपाही भी घायल हुआ। घायल बच्ची और सिपाही को देखने सीएम योगी आदित्यनाथ आज सुबह लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर भी पहुंचे थे।

संजीव जीवा की हत्या के बाद यूपी के डीजीपी दफ्तर से सभी जिलों के लिए आदेश जारी हुए हैं। कानून और व्यवस्था देखने वाले स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने आदेश दिया है कि सभी कचहरियों और कोर्ट में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए। ताकि जीवा की हत्या जैसी घटनाएं न हो सकें। यूपी पुलिस के लिए काफी सिरदर्द भी है, क्योंकि पहले पत्रकार बनकर आए हत्यारों ने माफिया अतीक अहमद की भी जान ली थी। अब वकील के रूप में आए हत्यारे ने संजीव जीवा को अति सुरक्षित माने जाने वाले कोर्ट में मार दिया।