नई दिल्ली। कोरोनावायरस ने एक तरफ पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। दुनिया के कई देश इस वायरस की वजह से एक बार फिर लॉकडाउन वाली हालत में चले गए हैं। भारत में भी इस वायरस की वजह से हालत बहुत खराब हैं। हालांकि भारत में सरकार की कोशिश का नतीजा है कि धीरे-धीरे इस वायरस को काबू में लिया जा रहा है। इस सब के बीच AIIMS के निदेशक ने इस बात को लेकर भी आशा जगाई है कि शायद भारत के लोगों को इस वायरस से बचने के लिए किसी वैक्सीन की जरूरत ही ना हो क्योंकि भारत के लोगों में हर्ड इम्यूनिटी जल्द बन रही है। लेकिन फिर भी दुनिया के कई देशों में 100 से ज्यादा कोरोनावायरस पर काम जारी है। भारत में भी इसको लेकर कई वैक्सीन तैयार किए जा रहे हैं। वहीं रूस ने अपनी दो वैक्सीन को बाजार में उतार भी दिया है इसमें से एक स्पूतनिक वन की एक खेप भारत में पहुंच भी गई है जहां इसका ट्रायल होना है। वहीं अब एक और खुशखबरी इस पूरी दुनिया को कोरोनावायरस वैक्सीन को लेकर मिल रही है।
अमेरिका की एक कंपनी मॉडर्ना भी इस कोरोनावायरस की वैक्सीन तैयार कर रही है अब इस कंपनी की तरफ से इस वैक्सीन को लेकर दावा किया गया है कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94.5 फीसदी इस वायरस पर प्रभावी साबित हुई है। इस वैक्सीन के लिए लेट-स्टेज क्लिनिकल ट्रायल का जो शुरुआत का आंकड़ा आया है इसी के आधार पर यह दावा किया गया है। आपको बता दें कि अमेरिका में एक हफ्ते के भीतर किसी भी कोरोनावायरस वैक्सीन के शानदार प्रदर्शन का दावा करने वाली मॉडर्ना दूसरी कंपनी बन गई है। मॉडर्ना से पहले अमेरिका की फाइजर कंपनी ने भी ऐसा ही दावा किया था और तब कंपनी ने कोरोनावायरस की अपनी वैक्सीन को लोगों पर 90 फीसदी प्रभावी बताया था। ऐसे में आपको बता दें कि यह बेहद ही खुशखबरी की बात है अगर दोनों कंपनियों का दावा इतना सही है तो यह सफलता का दावा उम्मीद से कहीं ज्यादा है और यह कोरोना के खिलाफ वैक्सीन का बेहतर विकल्प होगा। क्योंकि कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर एक्सपर्ट दावा करते रहे हैं कि इसको लेकर तैयार की जा रही वैक्सीन वायरस के बदलते स्वरूप की वजह से 50 से 60 फीसदी तक ही सफल हो सकती है।
इस सब के बीच अभी भी मॉडर्ना को इस वैक्सीन को बाजार में उतारने से पहले पहले कई और सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने की जरूरत होगी। ऐसे में जब सुरक्षा मानकों के तमाम आंकड़े सामने आ जाएं तो फिर इस वैक्सीन को बाजार में उतारने को मंजूरी मिल पाएगी। अमेरिका में इस साल के अंत मतलब दिसंबर तक दो कोरोना वैक्सीन का आपात प्रयोग किया जा सकता है। क्योंकि यहां कोरोना का कहर लगातार जारी है और एक दिन में यहां 1.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
एक तरफ अमेरिका जहां की कुल आबादी 33 करोड़ है वहां यह दोनों कंपनियां साल के अंत तक 6 करोड़ वैक्सीन की खुराक उपलब्ध हो सकती है ऐसा अनुमान है। जबकि अगले साल तक इन दोनों कंपनियों के कोरोनावायरस वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक अमेरिका के पास हो सकती है यह बात भी कही जा रही है। मतलब इतनी ज्यादा वैक्सीन की खुराक अमेरिका की जरूरत से काफी ज्यादा होगी जिसका फायदा दुनिया के अन्य देशों को मिल सकता है। वहीं आपको एक बात पर और भी गौर करना होगा कोरोना की इस दो वैक्सीन में से मॉडर्ना यह भी दावा कर रही है कि उसके पास जो वैक्सीन तैयार की जा रही है वह ऐसी होगी जिससे कोरोना का प्रसार रूक जाएगा ऐसा दावा अगर सही होता है तो यह इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में मॉडर्ना की एक बड़ी उपलब्धि होगी।