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Financial Crisis In Himachal: घोर वित्तीय संकट में हिमाचल प्रदेश!, बिजली बोर्ड के अलावा किसी भी कर्मचारी और पेंशनर के खाते में सोमवार तक नहीं आया वेतन और पेंशन

Financial Crisis In Himachal: हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 2 सितंबर यानी सोमवार तक तनख्वाह और पेंशन नहीं मिल सकी थी। हालांकि, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के 80 हजार कर्मचारियों और पेंशनरों को तनख्वाह और पेंशन मिल चुकी है।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 2 सितंबर यानी सोमवार तक तनख्वाह और पेंशन नहीं मिल सकी थी। हिंदी अखबार दैनिक जागरण ने बताया है कि केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान का 490 करोड़ रुपया मिलने पर ही हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार वेतन देगी। हालांकि, हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के 80 हजार कर्मचारियों और पेंशनरों को तनख्वाह और पेंशन मिल चुकी है। केंद्र सरकार से राजस्व घाटा अनुदान की किस्त आम तौर पर 5 या 6 तारीख को मिलती है। इसके अलावा केंद्रीय करों में हिमाचल के हिस्से का 688 करोड़ रुपए भी 10 तारीख को आता है। अखबार के मुताबिक अब 10 तारीख के बाद ही पेंशन मिलेगी।

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हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर हर महीने 1200 करोड़ और पेंशनरों पर 800 करोड़ रुपया खर्च होता है। हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति डांवाडोल हो गई है। पिछले दिनों ही सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फैसला किया था कि वो खुद, उनकी सरकार के मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव, कैबिनेट दर्जा वाले सलाहकार और सार्वजनिक उपक्रमों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अगले 2 महीने तक तनख्वाह नहीं लेंगे। सीएम सुक्खू ने अन्य दलों के विधायकों से भी अपना वेतन न लेने का आग्रह किया था।

हिमाचल में वित्तीय संकट के लिए बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में वित्तीय संकट पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्षी बीजेपी में बयानों की जंग भी चल रही है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने ओपीएस लागू किया और महिलाओं के खातों में हर महीने 1500 रुपए देने शुरू किए। इससे सरकार का खजाना खाली हुआ है। वहीं, सीएम सुक्खू ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुईं 14 सब्सिडी और केंद्र सरकार की तरफ से फंड रोकने के कारण ये स्थिति आई है। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ये भी कहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने टैक्स देने वालों समेत सबके लिए बिजली मुफ्त कर दी थी। इसके अलावा सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा का आदेश दिया था। सुक्खू ने कहा है कि अब सरकार मुफ्त पानी, होटल मालिकों की बिजली सब्सिडी खत्म करने और महिलाओं को बस में मुफ्त यात्रा की जगह आधे पैसे पर टिकट देने संबंधी फैसला करेगी।