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Bhagat Singh Koshyari: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का छलका दर्द, अपने पद को लेकर कह दी ऐसी बात

Bhagat Singh Koshyari: बीते दिनों राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज को पुराने समय का प्रतीक बता दिया था, जिसके बाद उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इन आलोचनाओं की गंभीरता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि शिवसेना ने बीजेपी की हिंदूवादी विचारधाराओं पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए थे।

नई दिल्ली। राजभवन में आयोजित एक जैन कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा दिया गया बयान सुर्खियों में आ गया है। उनके बयान को जैसे ही सियासी गलियारों में विवाद का लिबास पहनाया जाने लगा तो बीजेपी ने मोर्चा संभालते हुए दो टूक कह दिया कि इस बयान को विवाद के चश्मे से देखना मुनासिब नहीं रहेगा। अब सवाल यह है कि आखिर राज्यपाल ने ऐसा क्या कहा? ध्यान रहे इससे पहले भी वे विवादों में रह चुके हैं। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि इस बार उन्होंने ऐसा क्या कह दिया है, जिसे विवाद से जोड़ने के लिए लोग बेताब हो रहे हैं। चलिए, जानते हैं।

दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद यानी की राज्यपाल के बारे में बयान दिया है। उन्होंने कहा था कि इस पद पर बने रहना यकीनन तकलीफदेह है। उन्होंने आगे कहा कि आपको लगता होगा कि इस पद पर रहना आनंददायक है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह पद अति दुखदायी है। बता दें कि राज्यपाल द्वारा दिया गया यह बयान अभी खासा सुर्खियों में है। खासकर सोशल मीडिया पर तो सुर्खियों का बाजार गुलजार हो चुका है। उधर, बीजेपी नेता प्रभात लोढ़ा ने स्पष्ट कर दिया कि इस बयान को विवाद की शक्ल देने से गुरेज किया जाना चाहिए। उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है, जिससे किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न हो। उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल ने महज अपने पद को लेकर अपना दर्द बयां किया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में उनके इस बयान पर राजनीतिक गलियारों में लोगों की कैसी प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

आपको बता दें कि बीते दिनों राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज को पुराने समय का प्रतीक बता दिया था, जिसके बाद उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इन आलोचनाओं की गंभीरता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि शिवसेना ने बीजेपी की हिंदूवादी विचारधाराओं पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए थे। इसके बाद कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि वे सपने में किसी महापुरुष का अपमान करने के बारे में नहीं सोच सकते हैं और वर्तमान में जिस तरह से उनके बयान के मायने निकाले जा रहे हैं, उनका वो कहने का बिल्कुल भी मतलब नहीं था। वहीं, अब उनके उपरोक्त बयान गत प्रसंगों से जोड़कर देखा जा रहा है। अब ऐसे में आगामी दिनों में उनके उक्त बयान पर सियासी गलियारों में लोगों की कैसी प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।