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Maharashtra Political Crisis: आ गई उद्धव सरकार की परीक्षा की घड़ी, राज्यपाल ने इस दिन बहुमत साबित करने को कहा

अगर मौजूदा सियासी गणित की बात करें, तो बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। शिवसेना से 39 विधायकों की टूट के बाद अब उसके पास 17 विधायक हैं। जबकि, सरकार के सहयोगी एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं।

मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट में अब उद्धव ठाकरे के सामने नई चुनौती आ गई है। गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव को कल यानी 30 जून शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने इस बारे में चिट्ठी भेज दी है। अब इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी MVA सरकार की घटक शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जहां आज शाम 5 बजे जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पारदीवाला की बेंच सुनवाई करने वाली है। बता दें कि बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात 10 बजे गवर्नर से मुलाकात कर कहा था कि उद्धव ठाकरे सरकार के पास बहुमत नहीं है। ऐसे में सरकार को विश्वासमत हासिल करने का निर्देश दिया जाए। इसके बाद कोश्यारी के बिना दस्तखत वाला एक लेटर वायरल हुआ था, लेकिन तब राजभवन ने कहा था कि ये लेटर सही नहीं है।

maharashtra governor letter

बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 39 शिवसेना विधायकों और 8 निर्दलीयों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की हुई है। शिंदे गुट का कहना है कि असली शिवसेना वही हैं और वो एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चलाना नहीं चाहते। इस बारे में गुट ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हलफनामा भी दे रखा है। उधर, 8 निर्दलीयों ने बीते कल गवर्नर को ई-मेल भेजकर कहा था कि वे अघाड़ी सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। इसके बाद ही फडणवीस दिल्ली गए थे और वहां से लौटने के बाद उन्होंने गवर्नर से मुलाकात कर सरकार को विश्वासमत हासिल करने का निर्देश देने की मांग की थी।

eknath shinde and uddhav thakrey

इस बीच, खबर है कि आज शिंदे और कुछ बागी विधायकों ने गुवाहाटी के पास स्थित शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर का दर्शन किया। ये भी जानकारी आई है कि शिंदे अपने साथी विधायकों के साथ आज गोवा जा रहे हैं। ये राज्य भी बीजेपी शासित है। गोवा में एक रात रुकने के बाद बागी विधायक कल सुबह मुंबई पहुंचेंगे और वहां विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान सदन में मौजूद रहेंगे। अगर मौजूदा सियासी गणित की बात करें, तो बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। शिवसेना से 39 विधायकों की टूट के बाद अब उसके पास 17 विधायक हैं। जबकि, सरकार के सहयोगी एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। कुछ छोटे दलों को मिलाकर भी फिलहाल शिवसेना के पक्ष में गणित नहीं दिख रहा है।