नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई। शीष अदालत ने फिलहाल दिल्ली में ग्रैप 4 के तहत प्रतिबंध जारी रखने का आदेश दिया है। वहीं दिल्ली-एनसीआर के स्कूल खोले जाएं या नहीं इस पर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (सीएक्यूएम) से विचार करने को बोला है और कल तक जवाब मांगा है। साथ ही जब तक निर्माण और टूट फूट के कार्यों में रोक है तब तक एनसीआर राज्यों की सरकारें मजदूरों को भत्ता दें। सुप्रीम कोर्ट ने सभी एनसीआर राज्यों से कहा है कि वो लेबर सेस के रूप में जमा पैसे का उपयोग श्रमिकों को उनकी जीविका चलाने के लिए करें। केस की अगली सुनवाई अब गुरुवार, 28 नवंबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों से कहा कि जब तक कोर्ट आश्वस्त नहीं हो जाता कि प्रदूषण के स्तर में कमी आ रही है तब तक ग्रैप 4 के तहत लागू सभी प्रतिबंध जारी रहेंगे। अदालत ने कहा कि स्कूल बंद होने से लाखों जरूरतमंद बच्चों को मिड डे मील भी नहीं मिल पा रहा है इसलिए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमेटी स्कूल खोलने के विकल्पों पर विचार करे। वहीं दिल्ली में डीजल वाहनों की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर पिछली सुनवाई के बाद सख्ती हुई है, उससे पहले इसमें ढील क्यों दी गई थी, आदेश का सख्ती से पालन क्यों नहीं कराया जा रहा था। कोर्ट ने इसे गंभीर चूक बताते हुए पुलिस को फटकार लगाई।
प्रतिबंधों में छूट पर फैसला अगली सुनवाई में
जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि हमें इस बहुत ही गंभीर समस्या का स्थाई हल निकालना होगा। अदालत ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमेटी से अगली सुनवाई में वायु प्रदूषण का डेटा पेश मांगा है। अदालत ने कहा ग्रैप-4 के प्रतिबंधों में छूट दी जाए या नहीं, इस पर अगली सुनवाई में फैसला किया जाएगा।