नई दिल्ली। कोरोना से लड़ाई में गुजरात की तैयारी अभूतपूर्व है। पहली और दूसरी लहर में गुजरात ने बेहद ही चाक चौबंद तरीके से तैयारी की और कोरोना के विरूद्ध जबरदस्त व्यूह तैयार किया। इस व्यूह ने न सिर्फ बड़ी संख्या में जाने बचाईं बल्कि गरीबों और वंचित तबके के लोगों की जिंदगी में उम्मीद और उत्साह की किरण भी रोशन की। अब पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम विजय रुपानी की अगुवाई में यही गुजरात कोरोना की तीसरी लहर से लड़ाई के लिए पहले से ही कमर कस चुका है। गुजरात में 10 मई से 11 जून के बीच कोरोना की तीसरी लहर के मद्देजनर प्लानिंग का अद्भुत चैप्टर लिखा जा चुका है। इसमें अलग-अलग सेक्टरों से विचार विमर्श की प्रक्रिया से लेकर ज़िले स्तर तक कोर कमेटी के जरिए एक समग्र प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान की सबसे अहम बात यह है कि बिना किसी पलायन के कोविड के चक्र को नियंत्रित करने का खाका है जिसमें स्वास्थ्य की आधारभूत सुविधाओं की बढ़ोत्तरी की अभिन्न भूमिका है।
सीएम विजय रूपानी व्यक्तिगत तौर पर इस पूरे प्लान को अंजाम तक पहुंचाने के मिशन में जुटे हुए हैं। उनकी अगुवाई में कोविड की तीसरी लहर को रोकने की तीन स्तरीय रणनीति बनाई जा रही है जिसमें रोकथाम, समय से चेतावनी और केसों की संख्या में बढ़ोत्तरी की सूरत से डील करने की तैयारी शामिल है। रुपानी सरकार की समयबद्ध तैयारी का ये आलम है कि अतिरिक्त डॉक्टरों, नर्सों व अन्य स्टाफ की व्यवस्था का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो चुका है। सर्विलांस और टेस्टिंग को भी जमकर तेज कर दिया गया है। महामारी की चुनौतियों के मद्देनजर एक बाकायदा एपिडेमिक इंटेलीजेंस यूनिट भी एक्शन में लाई जा रही है जो डेटा, सर्विलांस और टेस्ट रिपोर्ट्स का पूरा जिम्मा संभालेगी।
पीएम मोदी के मार्गदर्शन में रुपाणी सरकार भविष्य की प्लानिंग को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाकर चल रही है। इसी विजन के तहत रुपानी सरकार जीनोमिक सर्विलांस के तहत जीनोम मैपिंग की प्रक्रिया में भी तेजी से एक्टिव है ताकि वायरस के नए नए और बदलते हुए रुपों से आम जनता की सुरक्षा की जा सके। रूपानी सरकार की दूरदर्शिता ने कोविड के मामलों में खासी राहत दी है। इसी दूरदर्शिता के तहत सबसे खराब हो सकने वाली स्थितियों की अभी से तैयारी की जा रही है। इसके तहत 500 से 1000 बेड के मॉड्यूलर कोविड हॉस्पिटल, बच्चों के लिए अलग से ऑक्सीजन वाले बेड आदि के इंतजाम किए जा रहे हैं। हर अस्पताल में 25 फीसदी बेड ऐसे तैयार किए जा रहे हैं कि इन्हें बच्चों की खातिर इस्तेमाल किया जा सके।
रुपाणी सरकार ऑक्सीजन के लिए भी खास इंतजाम कर रही है। तेजी से पीएसए प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। दस हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के इंतजाम किए जा रहे हैं। बड़ों एवं बच्चों के लिए वेंटीलेटर्स के भी इंतजाम किए जा रहे हैं। ये सारे कार्यक्रम इस बात की गवाही देते हैं कि रुपानी सरकार ने तीसरी लहर से निपटने का एक ऐसा चक्रव्यूह तैयार कर लिया है जिसे भेद पाना किसी के बस की बात नही।