नई दिल्ली/वाराणसी। काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर सोमवार यानी कल वाराणसी से लेकर दिल्ली तक अदालतों में सुनवाई होनी है। वाराणसी के जिला जज जहां मसाजिद कमेटी की तरफ से व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ रोकने की अर्जी सुनेंगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की उस याचिका पर सुनवाई होगी कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने और सील किए गए हिस्से का एएसआई सर्वे कराया जाए। वाराणसी के जिला जज ने 17 जनवरी को व्यासजी का तहखाना जिला प्रशासन की कस्टडी में दिया था। जिसके बाद हिंदू और मुस्लिम पक्ष की दलीलों को सुना। सभी दलीलें सुनने के बाद जिला जज ने 31 जनवरी को तहखाने में फिर पूजा-पाठ शुरू कराने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था। इसके लिए जिला जज ने 7 दिन की मोहलत दी थी।
वाराणसी के जिला प्रशासन ने 7 घंटे में ही ज्ञानवापी मस्जिद में व्यासजी के तहखाने में मूर्तियां रखवाकर पूजा करानी शुरू कर दी थी। इसके खिलाफ मसाजिद कमेटी ने जिला जज के अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट से तत्काल राहत नहीं मिली और मुस्लिम पक्ष को याचिका का स्वरूप बदलने के लिए कहा गया। हाईकोर्ट में अब 6 फरवरी को सुनवाई है। इससे पहले सोमवार को वाराणसी के जिला जज व्यासजी के तहखाने में पूजा पाठ को लेकर मुस्लिम पक्ष की याचिका को सुनेंगे। हिंदू पक्ष का दावा है कि व्यासजी के तहखाने में 1993 तक पूजा होती थी। फिर मस्जिद को चारों तरफ बैरिकेडिंग से बंद कर दिया गया और इस वजह से व्यासजी के परिवार के लोग तहखाने तक नहीं जा सके और पूजा बंद करनी पड़ी।
वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे को मंजूरी देते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया था। यहां इसी वजह से सर्वे नहीं हो सका। जबकि, इससे पहले कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। मुस्लिम पक्ष का हालांकि दावा है कि ये फव्वारा है। जबकि, हिंदू पक्ष का कहना है कि ये शिवलिंग है। साथ ही हिंदू पक्ष ने मस्जिद में लगे खंबों और 8 तहखानों को खोलकर उनका भी एएसआई से सर्वे कराने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है। कुल मिलाकर कल ज्ञानवापी मस्जिद मसले पर अदालतों की तरफ से अहम आदेश जारी हो सकते हैं।