वाराणसी। यूपी के वाराणसी में सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत पर आज सबकी नजरें टिकी हुई हैं। इसकी वजह ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे की रिपोर्ट है। अदालत के आदेश पर 14,15 और 16 मई को कोर्ट कमिश्नरों ने मस्जिद में सर्वे किया था। अजय कुमार मिश्र, विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह को कोर्ट कमिश्नर बनाया गया था। कोर्ट ने बाद में अजय मिश्र को सर्वे की रिपोर्ट लीक करने के आरोप में कमिश्नर पद से हटा दिया था। हालांकि, अजय ने बुधवार को जज के चेंबर में अपनी दो पन्ने की रिपोर्ट दाखिल कर दी है। जबकि, विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह अपनी रिपोर्ट आज दाखिल करेंगे।
अजय कुमार मिश्र ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में मस्जिद की पश्चिमी दीवार का उल्लेख किया है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने रिपोर्ट में बताया है कि पश्चिमी दीवार पर फूल, शंख, देवी-देवताओं की प्रतिमा वगैरा बने हैं। इसके आधार पर लग रहा है कि ये प्राचीन विश्वेश्वर मंदिर की ही दीवार है। इसके अलावा उन्होंने शृंगार गौरी के चौखट का अवशेष मिलने का दावा भी अपनी रिपोर्ट में किया है। साथ ही रिपोर्ट में लिखा है कि उनको पहले दिन सर्वे में मुस्लिम पक्ष और प्रशासन से सहयोग नहीं मिला। अजय मिश्र ने इससे पहले कहा था कि उन्हें साजिश के तहत विशाल सिंह ने कोर्ट कमिश्नर के पद से हटवाया। ऐसे में अब देखना है कि विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह अपनी सर्वे रिपोर्ट में क्या जानकारी कोर्ट को देते हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन चले सर्वे के दौरान करीब 1500 फोटो खींचे गए और 5 घंटे से ज्यादा का वीडियो बनाया गया। इन फोटो और वीडियो के आधार और खुद मौके पर देखी गई हकीकत पर ही विशाल और अजय प्रताप अपनी रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इससे पहले कोर्ट में 17 मई को रिपोर्ट दाखिल होनी थी, लेकिन कोर्ट कमिश्नरों ने अर्जी दी थी कि दो दिन का वक्त दिया जाए, क्योंकि रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। वादी पक्ष का इस बीच दावा है कि उसे वजूखाने में प्राचीन शिवलिंग मिला है। जबकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि ये शिवलिंग नहीं, फव्वारा है।