नई दिल्ली। बीते कई समय से धर्मांतरण के मामलों ने तेजी पकड़ी है। देश के कई हिस्सों से लगातार धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे थे जिसे लेकर हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार की ओर से धर्मांतरण के मामलों पर शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ (STF) गठन किया गया है। इस पूरे मामले पर राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने जानकारी दी है। ध्यान हो जबरन धर्मांतरण मामले में मेवात से दो आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है।
हरियाणा में चर्चा में धर्मांतरण का मामला
हरियाणा में जबरन धर्मांतरण का मामला चर्चा में बना हुआ है। बीते कुछ दिनों से दूसरे राज्यों में इसी प्रकार के मामले सामने आ रहे थे जिसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। गिरफ्तार लोगों का संबंध हरियाणा से भी देखने को मिला था। हाल ही में एटीएस ने राजधानी में गिरफ्तार हुए उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी की पहली गिरफ्तारी के बाद गुजरात के वडोदरा से हवाला रैकेट से फंडिंग करने वाले सलाउद्दीन, महाराष्ट्र के नागपुर से कौसर, एडम, और डॉक्टर अर्सलान पर भी शिकंजा कसा था। गिरफ्तार किए गए इस सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद ही एटीएस ने हरियाणा में कार्यवाही करते हुए मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के इरफान शेख और राहुल भोला को हिरासत में लिया था।
धर्मांतरण मुद्दे पर गरमा गर्मी का माहौल
हरियाणा सरकार धर्मांतरण मुद्दे पर सख्त रूख बनाए हुए हैं। कुछ समय पहले विधानसभा में लाए जा रहे एंटी लव जिहाद कानून को लेकर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था वो ‘लव जिहाद’ शब्द से सहमत नहीं हैं, जिसका इस्तेमाल मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदू लड़कियों से प्यार करने के संदर्भ में किया जाता है। चौटाला ने ये भी कहा था कि अगर कोई ऐसा कानून हो जोकि जबरन किए जाने वाले धर्मांतरण के मामले की जांच करें तो हम इसका समर्थन करेंगे।
‘हरियाणा फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट’
इसके बाद से ही लव जिहाद कानून में जिहाद शब्द का प्रयोग न किए जाने का ऐलान भी किया गया है। राज्य सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि लव जिहाद के विरूद्ध लाए जा रहे हरियाणा सरकार के कानून में कहीं भी जिहाद शब्द का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसके बाद से हरियाणा सरकार ने इस कानून को ‘हरियाणा फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट’ नाम दे दिया।