पटना। बिहार में एक बार फिर भगवान सत्यनारायण की गूंज है। इस बार भगवान सत्यनारायण का नाम लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD ने लिया है। उसने अपनी सहयोगी कांग्रेस को ये नाम लेते हुए ठेंगा दिखाया है। मामला बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव का है। इन सीटों पर स्थानीय निकाय के तहत चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस ने आरजेडी से 7 सीटें मांगी हैं और आरजेडी भगवान सत्यनारायण का नाम लेकर कांग्रेस को उसकी औकात बता रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मसले पर आरजेडी और कांग्रेस के बीच फिर ठनने के आसार हैं। बता दें कि दोनों दलों के बीच बीते दिनों हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे पर तनातनी हो गई थी।
कांग्रेस की ओर से विधान परिषद की 7 सीटें मांगने के बारे में आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ये कोई भगवान सत्यनारायण का प्रसाद नहीं है कि सबको बांट दें। उन्होंने कहा कि हम सभी 24 सीटें जीतने की कोशिश करें। 7 सीट पर कांग्रेस चिंतित क्यों है। पहले चुनाव का एलान हो, फिर प्रत्याशी सामने आने के बाद तय करेंगे। तिवारी ने कहा कि बिहार विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस हमसे अलग थी। अब देखेंगे कि एमएलसी चुनाव में उनकी क्या भूमिका रहती है। मृत्युंजय तिवारी के इस बयान से साफ है कि आरजेडी किसी कीमत पर कांग्रेस के सामने नहीं झुकेगी और उसे मांगी गई सीटें नहीं देने जा रही है।
इससे पहले बिहार में भगवान सत्यनारायण का नाम उस वक्त आया था, जब एनडीए सरकार के सहयोगी हम पार्टी के नेता जीतनराम मांझी ने ये नाम लेकर ब्राह्मणों पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि दलित अब घर-घर सत्यनारायण की पूजा कराने लगे हैं और ब्राह्मण मजे ले रहा है। जीतनराम मांझी के इस बयान के बाद जब सियासत गर्माई, तो उन्होंने माफी मांगते हुए कहा था कि वो तो अपने दलित समाज को गाली दे रहे थे। ब्राह्मणों के अपमान का उनका कोई इरादा नहीं था।