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Ram Mandir Pran Pratishtha: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख को लगी मिर्ची, उठाए ऐसे सवाल

Ram Mandir Pran Pratishtha: आज मणिपुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने पहली दफा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपनी चुप्पी तोड़ी, जिमसें उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने सियासी फायदे के लिए इस धार्मिक कार्यक्रम को एक राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील करके रख दिया है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने आगामी 22 जनवरी को अयोध्या ना जाने का फैसला किया है।

नई दिल्ली। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होना है, जिसमें शामिल होने के बाबत केंद्र सरकार की ओर से अनेकों गणमान्यों को न्योता भेजा जा चुका है, जिसे कई ठुकरा भी चुके हैं, जिसमें देश की सर्वाधिक पुरानी कांग्रेस भी शामिल है, तो वहीं कई विपक्षी नेताओं ने 22 जनवरी के दिन राम मंदिर ना जाकर कहीं और जाने का प्लान बनाया है। मणिपुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी ने कहा कि वो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन कामाख्या मंदिर और शिव मंदिर जाने का ऐलान कर चुके हैं। बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में राहुल ने खुद को शिवभक्त बताया था। उस दौरान उन्होंने एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा था कि वो एक दफा विमान में यात्रा कर रहे थे, लेकिन तभी विमान में एक खराबी आ गई थी, जिसके बाद उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की, तो विमान की खराबी स्वत: ठीक हो गई। बता दें कि राहुल के इस किस्से पर बीजेपी ने तंज भी कसा था।

वहीं, आज मणिपुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने पहली दफा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपनी चुप्पी तोड़ी, जिमसें उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने सियासी फायदे के लिए इस धार्मिक कार्यक्रम को एक राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील करके रख दिया है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने आगामी 22 जनवरी को अयोध्या ना जाने का फैसला किया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मुद्दे को लेकर विपक्ष की क्या भूमिका रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि इस पूरे मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के प्रमुख मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी का बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने अपने बयान में क्या कुछ कहा है?

मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर बयान जारी कर कहा कि अयोध्या में जो कुछ भी हो रहा है, वो पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है। अयोध्या में कभी राम मंदिर था, इस बात का सबूत आज तक कोई पेश नहीं कर सका है। अयोध्या में घटने वाली मौजूदा घटना पूरी तरह से क्रूरता का प्रतीक है। इसके अलावा मौलाना खालिद ने कोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक वर्ग के पक्ष में फैसला सुनाया। यहां तक अयोध्या में कभी राम मंदिर था। इस बात का जिक्र हिंदू भाइयों के पौराणिक ग्रंथों में भी नहीं है। इसके साथ ही मौलाना सैफुल्ला ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम मोदी के शामिल होने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने इस कार्यक्रम को इंसाफ का कत्ल बताया है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख ने कहा कि, ‘यह एक तरह से कानून का उल्लंघन है। कोर्ट ने अपने इस फैसले से देश के करोड़ों मुस्लिमों की भावनाओं पर ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति कर रही है, जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है।