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Mohan Bhagwat On Hindu: हिंदू की बदनामी कब होती है?, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बताया; छुआछूत मिटाने का भी आह्वान किया

Mohan Bhagwat On Hindu: आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समुदाय को बड़ी नसीहत दी है। मोहन भागवत ने बताया है कि हिंदुओं की बदनामी और तारीफ कब होती है। राजस्थान के अलवर में रविवार को एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश को समर्थ करना है।

आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत।

अलवर। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समुदाय को बड़ी नसीहत दी है। मोहन भागवत ने बताया है कि हिंदुओं की बदनामी और तारीफ कब होती है। राजस्थान के अलवर में रविवार को एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश को समर्थ करना है। मोहन भागवत ने कहा कि हमने प्रार्थना में कहा है कि ये हिंदू राष्ट्र है क्योंकि हिंदू समाज इसका उत्तरदायी है। आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि इस राष्ट्र का कुछ अच्छा होता है, तो हिंदुओं का नाम होता है। वहीं, कुछ गड़बड़ होती है, तो हिंदू समाज पर दोष लगता है। इसकी वजह मोहन भागवत ने ये बताई कि हिंदू ही इस देश के कर्ताधर्ता हैं।

अलवर में कार्यक्रम से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पौधारोपण भी किया।

मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू का अर्थ है कि वो दुनिया का सबसे उदार इंसान है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदू सबकुछ स्वीकार करता है। मोहन भागवत ने आगे कहा कि हिंदू सबके लिए सद्भावना रखता है। वो पराक्रमी पूर्वजों का वंशज है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदू पढ़ाई का इस्तेमाल विवाद के लिए ज्ञान देने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि हिंदू अपनी ताकत का इस्तेमाल कमजोर की रक्षा के लिए करता है। मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू अपने धन का इस्तेमाल मदमस्त होने के लिए नहीं, दान के लिए करता है। जिनका ये मूल और संस्कृति है, वो हिंदू है। चाहे वो किसी भी जाति या राज्य में जन्मा हो, पूजा की पद्धति और खानपान अलग हो।

आरएसएस स्वयंसेवकों को निर्देश देते मोहन भागवत।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वे छुआछूत और ऊंच-नीच को मिटाने के लिए काम करें। मोहन भागवत ने कहा कि हम धर्म की जगह स्वार्थी हो गए। इस वजह से छुआछूत बढ़ी। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जहां संगठन ताकतवर है, वहां कम से कम मंदिर, पानी और श्मशान हिंदुओं के लिए खुले होंगे। ये काम समाज का मन बदलकर करना है। उन्होंने कहा कि अब हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज को संरक्षित कर देश की उन्नति करनी है।