नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है। इस दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कानून से संबंधित तीन बिल पेश किए। इसके साथ ही अमित शाह ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया है। गृह मंत्री ने बताया कि राजद्रोह कानून को निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही अमित शाह ने बताया कि केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान करेगी। उन्होंने कहा, पीएम मोदी गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने 5 प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे। आज मैं जो 3 विधेयक लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक पीए मोदी द्वारा लिए गए प्रण में से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। जिसमें इंडियन पीनल कोड जो 1860 में बनाया गया है, दूसरा क्रिमिनल प्रोसीजर कोड है जो 1898 में बनाया गया। तीसरा इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 है। उन्होंने कहा, 1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही। इसकी जगह भारतीय आत्मा के साथ ये तीन कानून प्रस्थापित होंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा। मैं ये बिल स्टैडिंग कमेटी को भेजने वाला हूं।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने 5 प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि हम गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त कर देंगे।
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— BJP (@BJP4India) August 11, 2023
उन्होंने कहा हमारी न्यायिक दंड प्रक्रिया के अंदर आमूलचूल परिवर्तन होगा और सबको ज्यादा से ज्यादा 3 साल के अंदर न्याय मिलेगा। इसमें पुलिस अधिकारी, वकीलों को जवाब देह किया गया है। न्याय करने वाले के लिए भी मर्यादा तय की है। इसमें महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान दिया गया है। अपराधियों को सजा दी जाए। इसकी चिंता की गई है, पुलिस अपने अधिकारों का दुरुपयोग ना कर पाए। ऐसा भी किया है। इसके अंदर राजद्रोह जैसे कानून निरस्त कर रहे है वहीं धोखा देकर महिलाओं का शोषण करने वाले और मॉब लिंचिंग जैसे जंघन्य अपराध करने वालों को दंडित करने का काम किया है।
#WATCH …इस कानून के तहत हम राजद्रोह जैसे कानूनों को निरस्त कर रहे हैं: भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक पर लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/V5HzoQFiMe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2023
उन्होंने आगे कहा कि जिन्होंने भी ये कानून पड़ा होगा। मानवीय हत्या से या महिलाओं के साथ दुराचार से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता है। इसको 302 पर स्थान दिया गया। इसके पहले राजद्रोह था। खजाने की लूट और इसके पहले शासन के अधिकारी पर हमला था। ये एप्रोच है उसके हम बदल रहे है। इसमें सबसे पहले चैप्टर आएगा महिलाओं और बालकों के साथ अपराध का। दूसरा चैप्टर आएगा। मानव वर्ग और मानव शरीर के साथ अपराध होते है हमने शासन की जगह नागरिक को केंद्र में लाने का बहुत बड़ा सैद्धान्तिक निर्णय करके कानून में आए है।
#WATCH …इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है। इसीलिए, हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जिन धाराओं में 7 साल या उससे अधिक जेल की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों में फॉरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा…: केंद्रीय… pic.twitter.com/cNHgyjO72Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2023
अमित शाह ने कहा, इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है। इसीलिए, हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया हैं कि जिन धाराओं में 7 साल या उससे अधिक जेल की सजा का प्रावधान है, उन सभी मामलों में फॉरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इसके माध्यम से पुलिस के पास वैज्ञानिक साक्ष्य होगा। इसमें कोर्ट में दोषियों के बरी होने की संभावना बहुत काम हो जाएगी।