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Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस पर सेना ने निकाली बाइक रैली, लेफ्टिनेंट जनरल ने पूछा- ‘हाउ इज़ द जोश’ (वीडियो)

Kargil Martyrs: साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद कई सैन्य संघर्ष किए गए थे। दोनों देशों ने 1998 में परमाणु परीक्षण किए, जिसके बाद तनाव की स्थिति बन गई थी। साल 1999 में फरवरी के महीने में स्थिति को शांत करने के लिए, दोनों देशों ने लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके साथ ही कश्मीर संघर्ष का शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय समाधान प्रदान करने का वादा भी किया गया।

नई दिल्ली। 22वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना ने कश्मीर घाटी और लद्दाख के खतरनाक पहाड़ों में 1,000 किमी से अधिक की यात्रा करते हुए दो मेगा बाइक रैलियां कीं। इनमें से एक टुकड़ी का नेतृत्व उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी कर रहे थे, जो कारगिल युद्ध के नायक भी हैं। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने बाइक सवारों के खतरनाक जोजिला दर्रे को पार करने से ठीक पहले एक टीम में पूछा “कैसा है जोश?” जो 1,1649 फीट पर है जिसके बाद जोशी को “हाई सर” का जवाब मिलता है। इस दौरान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।

बता दें, 26 जुलाई भारत में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1999 में मई से जुलाई के बीच हुए इस युद्ध में भारत को जीत हालिस हुई थी। आज की यह दिन कारगिल युद्ध के शहीद जवानों के लिए समर्पित है। कारगिल विजय दिवस घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों पर भारतीय सैनिकों की जीत के उपलक्ष्य में यह दिन मनाया जाता है। आज देशभर में कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ मनाई गई।

युद्ध का मुख्य उद्देश्य?

जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में नियंत्रण रेखा को लेकर यह युद्ध हुआ था। डहां पाकिस्तान की सेना का मुख्य उद्देश्य लद्दाख और कश्मीर के बीच संबंध तोड़ना और भारतीय सीमा पर तनाव पैदा करना था। जिसके लिए उस समय घुसपैठ की जा रही थी, और भारतीय ढलान पर थे और इसलिए उनके लिए हमला करना काफी आसान था। और आखिर में दोनों पक्षों के बीच युद्ध छिड़ गया। पाकिस्तान के सैनिकों ने नियंत्रण रेखा को पार कर दिया और भारतीय नियंत्रण वाले क्षेत्र में प्रवेश कर लिया।

kargil

‘ऑपरेशन विजय’

पाकिस्तान की ओर से यह युद्ध उस समय शुरू किया जब लगभग 5000 सैनिकों के साथ कारगिल के चट्टानी पहाड़ी क्षेत्र में उच्च ऊंचाई पर घुसपैठ की और उस पर कब्जा कर लिया। वहीं जब भारतीय सरकार को इस बात का पता चला तो भारतीय सैनिकों ने उन्हे खदेड़ने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ की शुरूआत की। जिन्होंने विश्वासघाती रूप से भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया था।

कारगिल के पीछे की कहानी

साल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद कई सैन्य संघर्ष किए गए थे। दोनों देशों ने 1998 में परमाणु परीक्षण किए, जिसके बाद तनाव की स्थिति बन गई थी। साल 1999 में फरवरी के महीने में स्थिति को शांत करने के लिए, दोनों देशों ने लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके साथ ही कश्मीर संघर्ष का शांतिपूर्ण और द्विपक्षीय समाधान प्रदान करने का वादा भी किया गया।