नई दिल्ली। अयोध्या में सपा नेता और उसके करीबी द्वारा नाबालिग बच्ची से गैंगरेप का मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इस मामले में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की जा रही कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा, सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी एवं राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कदम उठाए तो बेहतर है। इसी के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके डीएनए टेस्ट वाले बयान पर निशाने पर लेते हुए पलटवार करते हुए सवाल किया है।
मायावती ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, यूपी सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित, लेकिन समाजवादी द्वारा यह कहना कि आरोपी का डीएनए टेस्ट होना चाहिये, इसे क्या समझा जाए। जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने डीएनए टेस्ट हुए हैं? बीएपी सुप्रीमो ने आगे कहा, यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था में भी ख़ासकर महिला सुरक्षा व उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिन्ताओं के बीच अयोध्या और लखनऊ के गोमती नगर आदि की घटनाएं अति-दु:खद व चिन्तित करने वाली हैं। सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी एवं राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कदम उठाए तो बेहतर है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था, कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की माँग है। आपको बता दें कि अयोध्या गैंगरेप मामले के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के अलावा सपा के दो अन्य नेताओं पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा मुख्य आरोपी मोईद खान की बेकरी पर सील लगाकर उसका ध्वस्तीकरण कर दिया गया है।