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Ayodhya Lord Ramlala Darshan: प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद भगवान रामलला के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़, मंदिर को जाने वाले कई रास्ते हुए जाम, देखिए Video

Ayodhya Lord Ramlala Darshan: भगवान रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार यानी बीते कल पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी। भगवान रामलला का जो नया विग्रह स्थापित किया गया है, उसे मैसुरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। भगवान के इस विग्रह को राम मंदिर के गर्भगृह में 5 साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है।

अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला के दर्शन सभी भक्तों के लिए खोल दिए गए। इसके साथ ही यहां भीड़ उमड़ पड़ी। आम लोगों के लिए राम मंदिर में दर्शन का पहला दिन ऐसा रहा कि रामलला के मंदिर को जाने वाले रास्ते कई जगह जाम हो गए। भक्तों का रेला राम मंदिर की तरफ तड़के से ही जाता दिखा। खबर लिखे जाने तक बड़ी संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए उतावले थे। भक्तों को किसी तरह का कष्ट न हो, इसके लिए व्यवस्था की गई है। देखिए किस तरह सुबह ही रामलला के मंदिर के कपाट खुलने पर भक्तों का हुजूम भगवान के दर्शन के लिए मंदिर में उमड़ा।

भगवान रामलला के नए स्वरूप के दर्शन करने के लिए जिस तरह आज सुबह से ही मंदिर और उस तरफ जाने वाले रास्तों पर भीड़ उमड़ी, वैसा कम ही देखने को मिलता है। अब तक रामनवमी और अन्य महत्वपूर्ण पर्वों पर ही रामलला के दर्शन के लिए भक्त उमड़ते रहे हैं। रामलला के पुराने विग्रह को पहले बाबरी ढांचे में 1949 से 6 दिसंबर 1992 तक पूजा जाता रहा। उसके बाद भगवान टेंट में रहे और फिर 2019 में राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भगवान रामलला के लिए अस्थायी मंदिर बनाया गया था।

भगवान रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार यानी बीते कल पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी। भगवान रामलला का जो नया विग्रह स्थापित किया गया है, उसे मैसुरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। भगवान के इस विग्रह को राम मंदिर के गर्भगृह में 5 साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है। नए विग्रह के साथ ही रामलला, उनके भाइयों के जिन विग्रहों की पूजा की जाती थी, उनको भी गर्भगृह में स्थान दिया गया है। सभी की पूजा का विधान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पंडितों और आचार्यों से पूछकर तय किया है। नए विग्रह को अचल मूर्ति और पुराने विग्रहों को चल मूर्ति के तौर पर राम मंदिर में रखा गया है। चल मूर्तियों को विशेष पर्वों पर गर्भगृह से बाहर भी ले जाया जाएगा।