मुंबई। एनसीपी में भतीजे अजित पवार की बगावत का सामना कर रहे शरद पवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी याद आ गए। न्यूज चैनल आजतक से बात करते हुए शरद पवार ने वाजपेयी के ‘न टायर्ड हूं न रिटायर्ड’ वाली बात दोहराई। अजित पवार को चुनौती के अंदाज में शरद पवार ने ये भी कहा कि अभी भी मैं काम कर सकता हूं। जनसेवा कर रहा हूं। मंत्री पद की चाहत नहीं है। शरद पवार ने खुद को एनसीपी अध्यक्ष पद से हटाए जाने के अजित पवार गुट के बयान पर कहा कि अगर एनसीपी अध्यक्ष पद पर मेरी नियुक्ति गलत थी, तो प्रफुल्ल पटेल वगैरा की नियुक्ति भी गलत है। शरद पवार आज शाम 4 बजे नासिक में बड़ी रैली भी करने वाले हैं। माना जा रहा है कि वहां भी वो अजित पवार के गुट पर जमकर निशाना साधेंगे और एनसीपी के कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे।
शरद पवार ने कहा कि दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में मुझे एनसीपी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव खुद प्रफुल्ल पटेल ने दिया था। उन्होंने कहा कि परिवार में जो हुआ, उसकी चर्चा बाहर नहीं करूंगा, लेकिन मुझे बहुत बुरा लगा है। उन्होंने परिवारवाद के आरोपों पर कहा कि अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया। अन्य लोगों को पद सौंपे, लेकिन बेटी सुप्रिया सुले को कोई पद अब तक नहीं दिया था। शरद पवार ने पलटकर सवाल दागा कि क्या ये वंशवाद है। उन्होंने कहा कि 2014, 2017 और 2019 में बीजेपी से बात की थी, लेकिन शिवेसना और उसमें फर्क है। शिवसेना ने पहले कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। शरद पवार ने ये भी कहा कि हिंदुत्ववाद कुछ नहीं, लोगों को गलत रास्ते पर ले जाना है।
एनसीपी में बगावत के बाद शरद पवार ने लगातार अजित पवार और उनके गुट पर हमले किए हैं। इस बार के बयान को और तीखा माना जा सकता है। शरद पवार और अजित के बीच की जंग चुनाव आयोग भी पहुंच चुकी है। दोनों ही एनसीपी गुटों ने पार्टी अपने पक्ष में होने का दावा किया है। बीते दिनों शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार ने बैठक की थी। उसमें अजित पवार के पक्ष में 31 विधायक और 3 एमएलसी आए थे। जबकि, शरद पवार की बैठक में 16 विधायक और 4 सांसद पहुंचे थे।