नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव संपन्न होने के तकरीबन एक माह बाद कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का मुख्यमंत्री नहीं बन पाने की वजह से दर्द छलका है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी परिवार और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सलाह पर वे मुख्यमंत्री बनने की रेस से पीछे हट गए। हालांकि, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें सलाह दी है कि धैर्य रखें। आगामी दिनों में आपको किसी बड़े पद से नवाजा जाएगा। इस बीच पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव तक डीके ही अध्यक्ष पद पर रहेंगे। इस बीच डीके ने कहा कि उनकी इच्छा कभी अधूरी नहीं रहेगी। फिलहाल उन्हें धैर्य रखने के लिए कहा गया है।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि आगामी दिनों उन्हें उनके धैर्य का क्या इनाम मिलता है। वहीं अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए डीके ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में बड़ी संख्या में मत दिए गए थे। लेकिन क्या करें। बाद में राहुल और खड़गे ने मुझे धैर्य रखने की सलाह दी और मैं हमेशा से ही शीर्ष नेतृत्व के निर्णय को सहर्ष स्वीकार करने वाला शख्स रहा हूं और आगे भी रहूंगा। सनद रहे कि अभी हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत हासिल की थी, तो वहीं बीजेपी 104 सीटेंं ही जीत सकी थी। उधर, जेडीएस 19 सीटों पर ही सिमटकर रह गई। जिसकी वजह से पार्टी किंगमेकर बनने की भूमिका से भी चूक गई। इसके बाद प्रदेश में सीएम की कुर्सी पर विराजमान होने को लेकर खींचतान शुरू हो गई। रेस में दो ही नाम शामिल थे। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया। अब कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि पार्टी इन दोनों नेताओं में से किसे सीएम का ताज पहनाए?
इसके बाद काफी चिंतन-मंथन के बाद यह फैसला किया गया कि सिद्धारमैया को सीएम पद की कुर्सी पर विराजमान किया जाए, लेकिन अब जिस तरह से डीके शिवकुमार का सीएम नहीं बन पाने पर दर्द छलका है, उसे लेकर आगामी दिनों में प्रदेश में कैसी सियासी प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।