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कोरोना का कहर : IMA के पासिंग आउट परेड में 87 साल में पहली बार पेरेंट्स नहीं हुए शामिल, अफसरों ने मास्क लगाकर दी सलामी

शनिवार सुबह यहां इनकी पासिंग आउट परेड हुई। परेड में 9 मित्र देशों से 90 जेंटलमैन कैडेट्स समेत 423 अधिकारियों ने हिस्सा लिया।  सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवाने ने परेड का निरीक्षण किया।

नई दिल्ली। कोरोना महासंकट के बीच आज उत्तराखंड में देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास होकर 333 युवा अफसर आर्मी में शामिल हो गए। शनिवार सुबह यहां इनकी पासिंग आउट परेड हुई। परेड में 9 मित्र देशों से 90 जेंटलमैन कैडेट्स समेत 423 अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवाने ने परेड का निरीक्षण किया। कैडेट्स को भारतीय सेना की शपथ दिलाई।

कोरोना महामारी के बीच हुई इस परेड के दौरान सभी कैडेट्स के चेहरों पर मास्क और हाथों में ग्लव्ज थे।  इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया। 87 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि कैडेट्स के पैरेंट्स कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

बता दें कि परेड के बाद होने वाली पीपिंग सेरेमनी में माता-पिता ही कैडेट्स के कंधों पर लगे बैज से कवर हटाते हैं। इस बार यह काम उनके प्रशिक्षक (ग्राउंड ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर) ने किया। कोरोना महामारी को देखते हुए कैडेट्स के माता-पिता को नहीं बुलाने का फैसला पिछले महीने ही किया गया था। आईएमए की पासिंग परेड के दौरान दर्शक दीर्घा पूरी तरह से खाली रही क्योंकि कोरोना के कारण किसी को परेड़ देखने की अनुमति नहीं दी गई।

 

आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने इन कैडेट्स की परेड का रिव्यू किया। चीफ जनरल की मौजूदगी में चैटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर कैडेट्स को शपथ दिलाई। इस बार कोरोना महामारी की वजह से यात्रा करना सुरक्षित नहीं है, इसलिए ये कैडेट्स छुटि्टयों में अपने घर नहीं जाएंगे। ये 24 घंटे के अंदर अपनी-अपनी कमान में रिपोर्ट करेंगे। आम दिनों में पासिंग आउट परेड के बाद अफसरों को 15-20 दिन की छुट्टी दी जाती है।