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UP Election: सपा की साइकिल में सवार हुए इमरान मसूद तो BJP ने कसा तंज, कहा-बोटी-बोटी’ वाले विद ‘टोटी-टोटी’ वाले

UP Election 2022: इमरान मसूद उस वक्त चर्चा में आए थे जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इमरान मसूद ने एक भरी सभा में भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आग उगली थी और उन्होंने ‘मोदी की बोटी-बोटी काट दूंगा’ की बात कही थी।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद दलबदल का खेल तेज हो गया है। एक के बाद एक कई नेता दूसरे खेमे में जाने की होड़ में शामिल हो गए हैं। बीते दिनों योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ दिया था। इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद ने पार्टी छोड़ते ही भाजपा पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए। हालांकि उन्होंने अभी किसी पार्टी में शामिल होने के संकेत नहीं दिए हैं। लेकिन माना जा रहा है कि वो समाजवादी पार्टी में शामिल होने हो सकते हैं। मगर किस पार्टी का दामन वो थामेंगे इसका ऐलान 14 जनवरी को करेंगे। इसी बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दरअसल कांग्रेस नेता इमरान मसूद हाथ का साथ छोड़कर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की साइकिल में सवार हो गए है। बता दें कि पूर्व विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रहे इमरान मसूद के बीते दिनों सपा में शामिल होने की घोषणा कर दी थी।

वहीं इमरान मसूद के सपा में शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अखिलेश यादव पर तंज कसा है। संबित पात्रा ने अखिलेश यादव के इमरान मसूद की फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बोटी-बोटी’ वाले विद ‘टोटी-टोटी’ वाले। बता दें कि इमरान मसूद उस वक्त चर्चा में आए थे जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इमरान मसूद ने एक भरी सभा में भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आग उगली थी और उन्होंने ‘मोदी की बोटी-बोटी काट दूंगा’ की बात कही थी। जिसको लेकर काफी बवाल भी देखने को मिला था। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी की लोगों ने जमकर किरकिरी भी की थी।

कौन हैं इमरान मसूद?

आइए, आगे बताते हैं कि आखिर इमरान मसूद कौन हैं। साल 2007 में इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सहारनपुर सीट से जीत दर्ज की थी। इसके तो इनकी किस्मत ऐसी की फूटी की इन्हें कभी जीत नसीब ही नहीं हुई। ऐसा नहीं है कि इन्होंने जीतने की कोशिश नहीं की थी। बता दें कि साल 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने अपने नाम का विजयी पताका फहराने के लिए एड़ी चोटी का जोड़ लगा दिया था, लेकिन अफसोस इनके हाथ सफलता भी नहीं लगी।