
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को तमाम देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी। ट्रंप ने तब भारत पर भी 26 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया था। डोनाल्ड ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि भारत बहुत ज्यादा टैरिफ लेता है। ट्रंप ने फिलहाल चीन को छोड़कर भारत समेत बाकी देशों पर 90 दिन टैरिफ न लगाने का फैसला किया है। इस बीच, खबर ये है कि भारत और अमेरिका के बीच इसी समयसीमा में अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है। जानकारी के मुताबिक भारत और अमेरिका ने व्यापार समझौता करने के लिए शर्तें तय की हैं। साथ ही कई बिंदुओं पर सहमति बनने की भी जानकारी मिली है।
अगर भारत और अमेरिका के बीच फिलहाल अंतरिम व्यापार समझौता हो जाता है, तो ट्रंप के टैरिफ से भारत को छूट मिल सकती है। ट्रंप प्रशासन के वाणिज्य विभाग ने पहले ही कहा है कि टैरिफ का मसला सुलझाने के लिए तमाम देश बातचीत कर रहे हैं और इनमें भारत सबसे आगे है। अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर भारत अलग-अलग टैरिफ लेता है। इन टैरिफ का औसत 52 फीसदी है। अमेरिका चाहता है कि भारत या तो टैरिफ कम करे या कुछ चीजों पर बिल्कुल खत्म करे। अमेरिका अपने कृषि उत्पादों को भी भारत के टैरिफ से बचाना चाहता है। खुद ट्रंप इस बारे में सार्वजनिक तौर पर बयान दे चुके हैं। वहीं, भारत अपने किसानों का हित देखते हुए अमेरिका के कृषि उत्पादों पर टैरिफ लगाता है।
वहीं, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने टैरिफ के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। पीयूष गोयल ने शुक्रवार को मीडिया के सवालों पर कहा कि भारत बंदूक की नोक पर कोई समझौता यानी डील नहीं करता। पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी दबाव में बातचीत नहीं होगी और भारत के हितों की रक्षा ही सबसे ऊपर है। पीयूष गोयल ने ये भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधी सभी बातचीत इंडिया फर्स्ट की भावना और विकसित भारत 2047 की दिशा में हो रही हैं। भारत और अमेरिका के बीच अभी 191 अरब डॉलर का व्यापार होता है। इसे साल 2030 तक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने की कोशिश दोनों देश कर रहे हैं। टैरिफ के मसले पर बातचीत करने के लिए पीयूष गोयल बीते दिनों अमेरिका गए थे। वहीं, अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल भी भारत आकर कई दिन वाणिज्य मंत्रालय के अफसरों के साथ व्यापार पर चर्चा कर चुका है।