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अब लद्दाख में सैन्य गतिविधियों की दुश्मन को नहीं लगेगी भनक, भारत सरकार करने जा रही है कुछ ऐसा…

भारत सरकार लद्दाख (Ladakh) में अब दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल भारतीय सेना (Indian Army) अब लद्दाख में बिना दुश्मनों की नजर में आए अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकेगी।

नई दिल्ली। भारत सरकार लद्दाख (Ladakh) में अब दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल भारतीय सेना (Indian Army) अब लद्दाख में बिना दुश्मनों की नजर में आए अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकेगी। इसके लिए भारत सरकार (Indian Government) मनाली से लेह (Manali to Leh) तक एक नई सड़क बनाने की योजना पर काम कर रही है। यह सड़क ऊंचाई वाले इस पहाड़ी केंद्रशासित प्रदेश को बाकी देश से जोड़ने वाली तीसरी लिंक होगी। इसके बनने से सेना का मूवमेंट तेजी से हो सकेगा और उनका काफी समय भी बच जाएगा। इस रोड की खासियत यह होगी कि यहां से टैंक, आर्टिलरी गन जैसे बड़े-बड़े और भारी हथियार लद्दाख सीमा तक बिल्कुल गुप्त तरीके से पहुंच जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि यह सड़क लेह में निमू के पास मनाली को जोड़ देगा जहां चीन के साथ झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में गए थे।

India china army

भारत पिछले तीन वर्षों से दौलत बेग ओल्डी और अन्य क्षेत्रों सहित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उप-सेक्टर उत्तर को वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करने पर भी काम कर रहा है और दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड खारदुंग ला पास से काम शुरू हो चुका है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘एजेंसियां मनाली से लेह तक के लिए निमू-पदम-दरचा एक्सिस से होते हुए वैकल्पिक संपर्क उपलब्ध कराने पर काम कर रही हैं। इससे अभी जोजिला पास से होते हुए श्रीनगर और सरचू होते हुए मनाली से लेह जाने की तुलना में काफी कम समय लगेगा।’

India-China LAC

अगर यह सड़क बन जाती है तो मनाली से लेह पहुंचने में लगने वाले समय में तीन से चार घंटे की कमी आएगी। वहीं, सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती करते वक्त पाकिस्तानी और अन्य दुश्मन ताकतों के लिए भारतीय सेना की गतिविधियों पर नजर रख सकने की भी कोई सूरत नहीं होगी।

India-China LAC

अभी तक वस्तुओं और लोगों के लेह जाने के लिए जिस मार्ग का प्रमुख रूप से इस्तेमाल होता है वह जोजिला से जाता है। यह मार्ग द्रास-करगिल एक्सिस होते हुए लेह तक पहुंचाता है। साल 1999 में हुए करगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने इस मार्ग को विशेष तौर पर निशाना बनाया था। सूत्रों का कहना है कि इस योजना पर काम शुरू हो चुका है। यह नई सड़क मनाली और लेह को निमू के पास जोड़ेगी।