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सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत-चीन के बीच आज कोर कमांडर स्तर की तीसरी बैठक

6 जून को कोर कमांडर स्तर की पहली वार्ता में बनी सहमति के मुद्दों पर कार्यान्वयन को मौजूदा गतिरोध के हल के लिए भारत जरूरी मान रहा है।

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच आज कोर कमांडर स्तर की बैठक होगी। ऐसे माहौल में इस स्तर की यह तीसरी बैठक है। बता दें कि इस बैठक में सीमा पर जारी भारी तनाव को घटाने का रास्ता निकालने को लेकर चर्चा होगी। गौरतलब है कि गलवन घाटी के खूनी संघर्ष से बढ़े तनाव के बाद भारत ने अपना रुख कड़ा करते हुए चीन को पहले ही साफ दिया है कि तनातनी घटाने के लिए एलएसी के दोनों तरफ मई से पूर्व की यथास्थिति बहाली अनिवार्य जरूरत है।

India china army

मंगलवार को होने वाली इस बैठक में 22 जून की हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता के बिन्दुओं की समीक्षा की जाएगी। आज की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व सेना के 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे तो चीनी सेना की ओर से तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रक्ट कमान के कमांडर इसमें शामिल होंगे। कमांडर स्तर की पहली दो बैठकें 6 और 22 जून को चुशूल के निकट चीन के इलाके मोल्डो में हुई थी।

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इस बैठक में दोनों पक्षों की तरफ से क्या-क्या कदम उठाए गए, इसकी जानकारी दी जाएहगी। 6 जून को कोर कमांडर स्तर की पहली वार्ता में बनी सहमति के मुद्दों पर कार्यान्वयन को मौजूदा गतिरोध के हल के लिए भारत जरूरी मान रहा है। चीन के 6 जून के समझौते से पलटने के कारण ही गलवन घाटी में खूनी संघर्ष हुआ था। जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए तो कई चीनी सैनिक भी मारे गए।

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भारत के रुख से साफ है कि गलवन घाटी, फिंगर चार से आठ, पैंगोंग त्सो लेक और डेपसांग आदि इलाकों से चीनी सैनिकों के पीछे हटने की स्थिति में ही एलएसी का गतिरोध खत्म करने का रास्ता निकलेगा। इतना ही नहीं गलवन घाटी पर संप्रभुता के चीनी दावे को भी भारत सिरे से खारिज कर चुका है। माना जा रहा है कि वार्ता के बाद गतिरोध दूर करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर भी भारत-चीन के बीच जल्द वार्ता की संभावना है। कूटनीतिक वार्ता के लिए दोनों देशों के बीच संवाद-संपर्क चल रहा है।