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चीन को इस तरह से एक और झटका देने की तैयारी में भारत, देखिए कैसे होगा उसे नुकसान!

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर एक विशेष कार्यक्रम में चीन से इंपोर्ट के मसले पर विस्तार से चर्चा की।

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद अंतराष्ट्रीय मीडिया में भी छाया हुआ है। दोनों देशों के सैनिक ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ पर डटे हुए हैं। दोनों देशों की सेनाओं ने सीमा पर जवानों की संख्या में इजाफा किया है। हालांकि एक तरफ सेना बुरे से बुरे हालात से निपटने के लिए तैयार हो रही है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिए हैं कि सरकार चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है।

nitin gadkari

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर एक विशेष कार्यक्रम में चीन से इंपोर्ट के मसले पर विस्तार से चर्चा की। इस विषय पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इन सभी वस्तुओं के आयात और घरेलू उत्पादन को लेकर विस्तार से अध्ययन कर रही है।

Nitin-Gadkari

नितिन गडकरी के मुताबिक सरकार इन वस्तुओं की निर्भरता खत्म करने के लिए उन्हें न केवल देश में ही बनाने पर जोर दे रही है साथ ही उत्पादन बढ़ाकर निर्यात की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए चीन से आयातित वस्तुओं पर ड्यूटी भी बढ़ाई जा सकती है, जिससे चीन से आयात किए गए सामान की कीमतें बढ़ेंगी और घरेलू इंडस्ट्री के लिए मौके बनेंगे।

नितिन गडकरी ने उदाहरण देते हुए कहा कि देश में घरेलू उत्पादन बढ़ने से कई वस्तुओं के आयात में कमी आई है। उन्होने कहा कि पहले मोरबी में टाइल्स बनती थी लेकिन बाद में चीन से टाइल्स आना शुरू हो गईं। मोरबी ने अपनी टेक्नोलॉजी बदल कर प्रोडक्टिविटी बढ़ाई, और कीमतों में कमी की जिससे उन्हें एक बार फिर बाजार में कब्जा जमाने में मदद मिली और चीन से टाइल आना अब बंद हो गया।

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गडकरी ने कहा कि अब पीपीई किट तक चीन से आना बंद हो गया है, प्लास्टिक के पंप चीन से आते थे अब वह भी चीन से आना बंद हो गए यहां तक कि आइसक्रीम खाने के चम्मच तक चीन से आ रहे थे अब देश में इन्हें भी तैयार किया जाने लगा है। केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी है कि फिलहाल 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का इंपोर्ट चीन से बंद हुआ है।