
नई दिल्ली। भारत-चीन डिसइंगेजमेंट से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पहले भारत-चीन डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विदेश मंत्रालय ने इस बारे में अधिकृत बयान जारी करते हुए बताया कि गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स (Gogra-Hot springs) प्वाइंट PP-15 पर 12 सितंबर तक डिसइंगेजमेंट पूरा हो जाएगा। दोनों ही देश इस प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए है। इसके अलावा PP-15 से अस्थाई बंकर भी हटाए जाएंगे। विदेश मंत्रालय के बयान से एक दिन पहले पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से दोनों देशों की सेना पीछे हटाने को तैयार हुए है। 16 दौर की कमांडर लेवल की बातचीत के बाद ये फैसला लिया गया था। ज्ञात हो कि पूर्वी लद्दाख में बीते 2 सालों से जिन इलाकों को लेकर विवाद था उसमें पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 आखिरी विवादित इलाका बचा हुआ था।
एससीओ शिखर सम्मेलन पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की मुलाकात हो सकती है लेकिन उससे पहले ये खबर आई है कि पूर्वी लद्दाख की पीपी 15 में डिसइंगेजमेंट का काम 12 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। यानी कि जो कल से शुरू हुआ है 12 सितंबर तक खत्म हो जाएगा और वहां जो भी अस्थाई स्ट्रंक्चर दोनों देशों की सेना ने बनाया गया है उन सबको हटा दिया जाएगा। यानी जो स्थिति अप्रैल 2020 में डिसइंगेजमेंट के दौरान देखी थी ठीक वैसे ही स्थिति एक बार फिर से देखने को मिलेगी।
India, China to dismantle, verify temporary structures in Gogra-Hot springs area of LAC: MEA
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— ANI Digital (@ani_digital) September 9, 2022
बता दें कि बीते कई दिनों से चीन और ताइवान के बीच तनाव बना हुआ है। अमेरिका भी ताइवान का साथ दे रहा है। ऐसी स्थिति में चीन भारत और ताइवान के साथ किसी भी तरह से अपने संबंध खराब नहीं करना चाहता है और यही वजह हो सकती है कि 16 दौर की कमांडर लेवल की बैठक हुई थी उसमें चीन इस बात के लिए राजी हो गया कि जो पीपी 15 पर तनाव चल रहा था वहां से भी चीनी सैनिकों को हटा लिया जाए।