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भारत ने दिया चीन को एक और झटका, 44 वंदे भारत ट्रेन बनाने का टेंडर किया कैंसिल

चीन (China) को भारत (India) ने एक और बड़ा झटका दिया है। भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने 44 सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेन बनाने का ठेका रद्द कर दिया है।

नई दिल्ली। चीन (China) को भारत (India) ने एक और बड़ा झटका दिया है। भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने 44 सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेन बनाने का ठेका रद्द कर दिया है। जो चीन के लिए एक बड़ा झटका है। दरअसल, चीन पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। ऐसे में भारतीय सेना ने दो टूक कहा-वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सेना पहले की स्थिति बहाल करे। अगर चीन ने कोई नापाक हरकत की तो उसे इसके अप्रत्याशित नतीजे भुगतने होंगे।

India Pakistan

इसके लिए निविदा पिछले साल ही जारी हुआ था। बीते महीने ही जब टेंडर खोले गए तो सिर्फ चीन के साथ संयुक्त उद्यम वाली जेवी कंपनी को ही ठेका मिला था। इसमें सीआरआरसी पॉयनियर इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ही छह आवेदन करने वालों में योग्य पाई गई थी। ठेके के तह इस कंपनी को 44 वंदे भारत ट्रेन और हरेक में इसके 16 कोचों को बनाने में लगने वाले इलेक्ट्रिकल उपकरणों और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करना था। जेवी कंपनी 2015 में चीन की सीआरआरसी यॉन्गजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम स्थित पॉयनियर फिल-मेड प्राइवेट लिमिटेड ने मिलकर बनाई थी। अब एक हफ्ते में नया ठेका जारी किया जाएगा। हालांकि, रेलवे ने पुराने ठेके को रद्द करने की वह नहीं बताई है।

Vande Bharat Express

भारत के पड़ोस में जाल बिछा रहा ड्रैगन

पाकिस्तान में चीन आर्थिक गलियारा बना रहा है। ये पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से समुद्र के रास्ते चीन के शिंजियांग तक पहुंचने की एक बड़ी परियोजना है, जिसके सहारे चीन मध्य एशिया के कारोबार पर कब्जा जमाने की फिराक में है और अपना सामरिक हित भी पूरा करना चाहता है।

वहीं, नेपाल 2017 में चीन के वन रोड-वन बेल्ट प्रोजेक्ट में भी शामिल हो गया था। वह इस बहाने नेपाल में भारत विरोधी हवा देने में जुटा  है। श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह को चालाकी से 99 साल के पट्टे पर हासिल करने के बाद चीन अब वहां एयरपोर्ट, कोल पावर प्लांट और दो बड़े बांधों के निर्माण समेत कई प्रोजेक्ट के लिए चीन 36, 480 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है।

Jinping

जबकि मालदीव के 16 द्वीप को चीन लीज पर ले चुका है। वह अगर इन द्वीपों पर कब्जा कर लेता है, तो वह भारत के व्यापारिक जहाजों के साथ-साथ नौसेना के काफिलों पर भी नजर रख सकता है। साथ ही युद्ध की स्थिति में इन द्वीपों पर अपने जहाज तैनात कर सकता है।