
नई दिल्ली। खबर है कि भारत ने टैरिफ के मामले में अमेरिका को साफ कह दिया है कि अगर वो टैरिफ नहीं हटाता, तो भारत भी टैरिफ नहीं हटाएगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दिल्ली और वॉशिंगटन में अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधियों से बातचीत में भारतीय पक्ष ने ये बात साफ कही है। सूत्रों के मुताबिक भारत के प्रतिनिधियों ने अमेरिका से मांग की है कि वो 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ और 9 जुलाई से प्रस्तावित 16 फीसदी टैरिफ हटाए। भारत के वार्ताकारों ने साफ कह दिया है कि अगर अमेरिका ने टैरिफ न हटाया, तो भारत भी अमेरिका से आयात होने वाली चीजों पर जवाबी टैरिफ लगाएगा।
बीती 4 जून को अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ब्रैंडन लिंच के नेतृत्व में अमेरिका का प्रतिनिधमंडल भारत आया था। 10 जून तक अमेरिका की ये टीम दिल्ली में बातचीत करेगी। जबकि, पहले अमेरिका के वार्ताकारों को 6 जून को ही वापस लौटना था। पीटीआई के मुताबिक एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि आदर्श हालात यही रहेगा कि अंतरिम व्यापार समझौता होने के साथ ही अमेरिका में भारतीय चीजों पर 10 फीसदी बेसलाइन और 16 फीसदी अन्य टैरिफ हट जाएं। वरना भारत के पास भी अधिकार होगा कि वो अमेरिका से आयात होने वाली चीजों पर 26 फीसदी टैरिफ लगाए। अगर भारत की इस मांग पर अमेरिका सहमत नहीं होता, तो इससे दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता अटक सकता है। बता दें कि अमेरिका और भारत ने तय किया है कि साल 2030 तक आपसी व्यापार को वे 500 अरब डॉलर तक पहुंचाएंगे।
अमेरिका ने ब्रिटेन से जिस तरह का व्यापार समझौता किया है, वैसा ही भारत नहीं चाहता। ब्रिटेन को व्यापार समझौते के तहत अमेरिका ने कुछ छूट दी है, लेकिन 10 फीसदी का बेसलाइन टैरिफ लागू रखा है। भारत ने इससे पहले ब्रिटेन से मुक्त व्यापार समझौता किया था। जिसमें चरणबद्ध तरीके से दोनों ही देश एक-दूसरे के उत्पादों पर टैरिफ को बहुत कम या शून्य तक लाने पर सहमत हुए हैं। भारत ऐसा ही व्यापार समझौता अमेरिका से भी चाहता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार पीएम नरेंद्र मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताते रहे हैं, लेकिन साथ ही उनका ये भी कहना रहा है कि भारत बहुत ज्यादा टैरिफ लगाता है। ट्रंप ने पहले भारत पर 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ का एलान किया था।