नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर अमेरिका द्वारा की गई टिप्पणी पर भारत ने सख्त लहजे में पलटवार किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीएए हमारा आंतरिक मामला है और हमारे आंतरिक मामलों को लेकर बयानबाजी करना पूरी तरह अनुचित है। अमेरिका के बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। सीएए से नागरिकता मिलेगी, इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, सीएए राज्यविहीनता के मुद्दे को संबोधित करता है, मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है।
#WATCH | On CAA implementation, US State Department Spokesperson Matthew Miller says, “We are concerned about the notification of Citizenship (Amendment) Act. We are closely monitoring
how this Act will be implemented. Respect for religious freedom and equal treatment under the… pic.twitter.com/55Xhog4Itp— ANI (@ANI) March 15, 2024
गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने एक बयान में कहा कि हम भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की अधिसूचना को लेकर चिंतित हैं। हम इस अधिनियम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं कि यह अधिनियम कैसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत सभी समुदायों के साथ बराबरी से पेश आना मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं। आपको बता दें कि सीएए के कानून बनने के बाद 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ चुके पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म के ऐसे लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। वहीं सीएए का विरोध कर रहे लोगों का तर्क है कि इसके लागू होने के बाद शरणार्थी मुस्लिमों को देश से निकाल दिया जाएगा। इस पर सरकार का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश हैं और यहां पर गैर-मुस्लिम को धर्म के आधार पर प्रताड़ित किया जाता है। इसी कारण गैर-मुस्लिम यहां से भागकर भारत आए हैं, इसलिए गैर-मुस्लिमों को ही सीएए में शामिल किया गया है। मुस्लिम शरणार्थियों को पूर्व के कानून के तहत ही नागरिकता प्रदान की जाएगी।