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Operation Sindoor: आतंकी ठिकानों को बर्बाद करने भारत ने 23 मिनट के लिए किया था पाकिस्तान का एयर डिफेंस जाम, इस तरह अंजाम तक पहुंचा ऑपरेशन सिंदूर

Operation Sindoor: भारतीय लड़ाकू विमान खासकर राफेल के स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर प्रिसिजन गाइडेड बम पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के लिए काल बन गए। सुखोई ने भी बेहतरीन काम किया। नतीजे में सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय तक को बम मारकर जमींदोज करने में सफलता मिली। इससे पहले जब 2019 को भारत ने पीओके में ही आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था, जो एलओसी के करीब थे।

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। भारत ने पाकिस्तान की गुहार पर इसे सिर्फ स्थगित किया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष भी हुआ। जिसमें पाकिस्तान को भारत की सेनाओं ने धूल चटा दी, लेकिन सबसे हैरत की बात ये है कि 7 मई को जब भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकियों के अड्डों पर धावा बोला, तो उस दौरान पाकिस्तान को चीन से मिली वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह जाम कर दिया। जिसकी वजह से पाकिस्तान की सेना और वायुसेना को पता ही नहीं चल सका कि भारतीय विमान उसकी तरफ बढ़ रहे हैं।

पाकिस्तान अपने मित्र देशों चीन और तुर्की से ही ज्यादातर हथियार खरीदता है। चीन की वायु रक्षा प्रणाली यानी एयर डिफेंस सिस्टम को पाकिस्तान ने भारतीय सेना की गतिविधियां देखने के लिए तैनात कर रखा है। एयर डिफेंस को निष्क्रिय किए बिना भारतीय लड़ाकू विमानों से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला करना मुश्किल था। इसकी वजह ये थी कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सेना चौकस थी कि भारत इस बार भी इसका बदला लेगा। ऐसे में चीन में बने एयर डिफेंस यानी रडारों को भारतीय सेना ने 23 मिनट तक जाम कर दिया। इससे भारतीय लड़ाकू विमानों और लॉयटरिंग हमलावर ड्रोन की गतिविधि पाकिस्तान देख नहीं सका और 25 मिनट में ही आतंकियों के अड्डे मिट्टी में मिल गए।

भारतीय लड़ाकू विमान खासकर राफेल के स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर प्रिसिजन गाइडेड बम पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के लिए काल बन गए। सुखोई ने भी बेहतरीन काम किया। नतीजे में सीमा से करीब 100 किलोमीटर दूर बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय तक को बम मारकर जमींदोज करने में सफलता मिली। इससे पहले जब 2019 को भारत ने पीओके में ही आतंकी कैंपों को निशाना बनाया था, जो एलओसी के करीब थे। इस बार पाकिस्तान की धरती पर बने आतंकियों के मुख्यालयों के लिए भी भारतीय वायुसेना काल बन गई।