
नई दिल्ली। पाकिस्तान को आतंक प्रायोजित करनेवाला बताकर कई मंच पर भारत ने इसे साबित भी कर दिया है। अब सार्क देशों की बैठक में एक बार फिर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया है। इसके साथ ही एस जयशंकर ने सार्क देशों के सामने खड़ी 3 चुनौतियों से भी सबको अवगत कराया। कोरोना संकट के बीच गुरुवार को SAARC विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई जिसमें विदेश मंत्री जयशंकर ने सीमा पार से जारी आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
इसके साथ ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात का भी जिक्र किया कि सार्क के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां सीमापार से आतंकवाद, व्यापार में बाधा, कनेक्टिविटी में रुकावट हैं जिनका समाधान किया जाना चाहिए।
Cross-border terrorism, blocking connectivity and obstructing trade are three key challenges that SAARC must overcome.
Only then will we see enduring peace, prosperity and security in our South Asia region.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 24, 2020
इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि आज SAARC विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक को संबोधित किया। नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के प्रति भारत की ओर से प्रतिबद्धता और दक्षिण एशिया के एकीकृत, सुरक्षित तथा समृद्धि को लेकर जिक्र किया गया।
Addressed the #SAARC Foreign Ministers Informal Meeting today. Reaffirmed India’s commitment to Neighbourhood First policy and towards building a connected, integrated, secure and prosperous South Asia. pic.twitter.com/z0Q9AmRxeP
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 24, 2020
बैठक में भारत की ओर से यह भी कहा गया कि भारत आतंकवाद और इसके प्रायोजकों का मुकाबला करने के लिए अधिक सामूहिक प्रयासों का आह्वान करता है। अफगान शांति प्रक्रिया के लिए भारत का समर्थन यह पुष्टि करता है कि वह राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है और लोकतांत्रिक प्रगति को संरक्षित करता भी है। बैठक में भारत, चीन, पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के विदेश मंत्री उपस्थित रहे।
Emphasised India’s support for our #SAARC neighbours:
• Extended USD 150 million foreign currency swap support to Maldives
• Currency swap support of USD 200 million to Bhutan
•USD 400 million to Sri Lanka during the course of this year.— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 24, 2020
इस बैठक की खास बात यह रही की भारत के पूर्व के विरोध की वजह से सार्क बैठक के दौरान पाकिस्तान की ओर से बैकग्राउंड में कोई नक्शा नहीं लगाया गया। वहीं एस जयशंकर से पहले बोलते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सार्क बैठक में अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र नहीं किया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र चार्टर और प्रस्तावों को लागू करने समेत कई मुद्दों का जिक्र किया जबकि वह कश्मीर का जिक्र करने से बचते दिखे।