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India Stops Water To Pakistan: भारत ने पाकिस्तान जा रहे रावी नदी के पानी को पूरी तरह रोका, नई मुश्किल में पड़ोसी देश

India Stops Water To Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के बाद सिंधु नदी जल समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदी का पानी दिया जाना तय हुआ था। जबकि, भारत को रावी, सतलुज और व्यास नदी का पानी इस्तेमाल में लाना था।

जम्मू। पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवादी गतिविधियां कराता रहता है। भारत में मोदी सरकार बनने के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक भी की गई, लेकिन पाकिस्तान फिर भी समझने को तैयार नहीं है। अब भारत ने पाकिस्तान के लिए एक नई मुश्किल खड़ी कर दी है। भारत ने जम्मू-कश्मीर में शाहपुर कंडी बैराज बनाकर पाकिस्तान को रावी नदी का पानी पूरी तरह रोक दिया है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक शाहपुर कंडी बैराज को जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमा में बनाया गया है। इस बैराज के बन जाने से रावी नदी का 1150 क्यूसेक पानी जम्मू-कश्मीर को मिलेगा। इससे केंद्र शासित प्रदेश के कठुआ और सांबा जिलों में 32000 हेक्टेयर इलाके में सिंचाई का पानी लोगों को मिल सकेगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी के बाद सिंधु नदी जल समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदी का पानी दिया जाना तय हुआ था। जबकि, भारत को रावी, सतलुज और व्यास नदी का पानी इस्तेमाल में लाना था। शाहपुर कंडी बैराज बनने से पहले रावी का पानी भी लखनपुर बांध होते हुए पाकिस्तान चला जाता था और जम्मू-कश्मीर में इस नदी का पानी ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो पाता था। ऐसे में भारत ने बैराज बनाने का फैसला किया और अब रावी नदी का पानी पाकिस्तान जाने से रोक दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के अलावा रावी नदी पंजाब में भी बहती है। वहां के किसानों को भी अब इससे सिंचाई के बेहतर मौके मिलेंगे।

जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमा पर जो शाहपुर कंडी बैराज बनाया गया है, उसकी नींव 1995 में पड़ी थी। उस वक्त केंद्र में नरसिंह राव की केंद्र सरकार थी। जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सरकारों के बीच विवाद के कारण शाहपुर कंडी बैराज लंबे समय तक बन नहीं सका। फिर 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने इसका प्रस्ताव आया। मोदी ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब के बीच इसको लेकर उपजा विवाद शांत कराया और फिर 2018 में फिर से शाहपुर कंडी बैराज का निर्माण शुरू हुआ।