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Nyoma: 17000 फिट की ऊंचाई और 200 करोड़ से ज्यादा का खर्च, जानिए चीन के खिलाफ क्या बड़ी तैयारी कर रहा भारत

चीन की चालबाजियों से निपटने के लिए मोदी सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसके तहत एलएसी के पास के इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम तेजी से जारी है। वहीं, हथियार भी लगातार खरीदे जा रहे हैं। अब 17000 फिट की ऊंचाई से चीन को जवाब देने की तैयारी भी मोदी सरकार कर रही है।

नई दिल्ली। चीन की चालबाजियों से निपटने के लिए मोदी सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसके तहत एलएसी के पास के इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम तेजी से जारी है। वहीं, हथियार भी लगातार खरीदे जा रहे हैं। इसके अलावा अब एलएसी से महज 50 किलोमीटर दूर एक एयरस्ट्रिप को भी भारतीय वायुसेना का एयरबेस बनाने की तैयारी है। इस काम के लिए 200 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। जिसके बाद ये दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित एयरफोर्स बेस बन जाएगा। इस जगह का नाम है न्योमा और ये लद्दाख में पड़ता है। यहां अभी कच्ची एयरस्ट्रिप है।

ladakh 2

न्योमा एयरबेस बन जाने पर चीन की किसी भी हरकत को जवाब देने में कम से कम वक्त लगेगा। अभी लेह के एयरपोर्ट से ही वायुसेना चीन की चालबाजियों पर नजर रखती है। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह न्योमा एयरबेस बनाने के काम का शिलान्यास करने वाले हैं। न्योमा करीब 17000 फिट की ऊंचाई पर है। इस तरह ये दुनिया की सबसे ऊंची एयरस्ट्रिप है। इस एयरस्ट्रिप का फिलहाल इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान ही करते हैं। एयरबेस बनाए जाने के बाद यहां लड़ाकू विमान भी तैनात किए जा सकेंगे। इससे पलक झपकते ही एलएसी के पास पहुंचा जा सकेगा और चीन पर शिकंजा कसेगा।

indian air force

भारतीय वायुसेना ने पहले ही लद्दाख स्थित दौलत बेग ओल्डी एयरस्ट्रिप को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है। दौलत बेग ओल्डी की एयरस्ट्रिप भी कच्ची है और उसे पक्का किया जा रहा है। दौलत बेग ओल्डी एयरस्ट्रिप से चीन और सियाचिन दोनों तरफ वायुसेना हथियार और जवानों को पहुंचा सकती है। न्योमा एयरबेस बन जाने के बाद लेह के अलावा ये दो और महत्वपूर्ण ऐसेट भारतीय वायुसेना के पास हो जाएंगे। जिससे किसी भी आकस्मिक हालात में चीन की वायुसेना को चौंकाने में भारत को आसानी होगी।