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Ukraine Crisis: ऑपरेशन गंगा के तहत 5वीं उड़ान से लाए गए भारतीय, मोल्दोवा से भी खुलेगा रास्ता; पोलैंड ने माफ की वीजा फीस

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर बताया है कि उन्होंने यूक्रेन के पड़ोसी देश मोल्दोवा के विदेश मंत्री से इस बारे में बातचीत की है और मोल्दोवा के रास्ते भी भारतीय छात्रों को निकालने की कोशिश की जाएगी। पोलैंड ने यूक्रेन से अपने यहां पहुंचने वाले भारतीयों से वीजा फीस न लेने का एलान किया है।

नई दिल्ली। रूसी हमले के बाद यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। 249 और भारतीयों को लेकर ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत एयर इंडिया की 5वीं उड़ाने रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से आ चुकी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर बताया है कि उन्होंने यूक्रेन के पड़ोसी देश मोल्दोवा के विदेश मंत्री से इस बारे में बातचीत की है और मोल्दोवा के रास्ते भी भारतीय छात्रों को निकालने की कोशिश की जाएगी। वहीं, पोलैंड ने मानवीयता का रुख दिखाते हुए यूक्रेन से अपने यहां पहुंचने वाले भारतीयों से वीजा फीस न लेने का एलान किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इससे पहले कल रात एक उच्चस्तरीय बैठक में यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने को हर हाल में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मीडिया को बताया कि मोदी ने भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा की मॉनीटरिंग की। विदेश मंत्रालय ने हंगरी, रोमानिया और पोलैंड में अपने अफसरों की टीम भेजी है। रूस की सीमा से सटे खारकीव के रास्ते भी भारतीयों को लाने की कोशिश थी, लेकिन वहां जारी जंग की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा है। हरदीप ने बताया कि यूक्रेन के हर इलाके से भारतीयों को निकालने की कोशिश की जा रही है। उधर, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया से कहा कि उन्होंने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से भारतीयों की सुरक्षा पर चिंता जताई है। दोनों देशों के राजदूतों ने इस पर हर संभव मदद देने और भारतीयों की सुरक्षा का भरोसा दिया है।

विदेश सचिव ने ये भी जानकारी दी कि संघर्ष शुरू होने के बाद यूक्रेन से 2000 भारतीयों को निकाला जा चुका है। बाकी को निकालने की कोशिश जारी है। भारतीय दूतावास ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में फंसे भारतीयों को पश्चिमी हिस्से की ओर बढ़ने के लिए कहा है। भारत इस संबंध में रेडक्रॉस से भी संपर्क बनाए हुए है। बता दें कि यूक्रेन में करीब 18000 भारतीय रहते हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र हैं। इसकी वजह ये है कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है।

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