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Rahul Gandhi : ‘लंदन जाकर देश का अपमान किया… अब सदन में आकर माफी मांगें राहुल… अपने बयानों को लेकर संसद में घिरे राहुल गांधी

Rahul Gandhi : उन्होंने पूरी दुनिया में भारत के लोकतंत्र का अपमान किया है। उन्हें इस पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र पर खतरे की बात करते हैं। लेकिन यह खतरा तब हुआ, जब भारत के लोगों के अधिकार निलंबित कर दिए गए। यह 1975 में तब हुआ था, जब आपातकाल लगा था। इन लोगों को बताना चाहिए कि यह किसने किया था।

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी इन दिनों लंदन में दिए गए अपने भाषण को लेकर विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस बयान को लेकर राहुल गांधी को सवालों के घेरे में लिया है जिसमें उन्होंने भारत में लोकतंत्र खत्म बताया था। बजट सत्र के दूसरे चरण की संसद में आज शुरुआत हुई तो राहुल गांधी पर राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल जैसे सीनियर नेताओं ने जमकर हमला बोला। दोनों ही नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी को लंदन में भारत को बदनाम करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सदन के सदस्य राहुल गांधी ने भारत को लंदन में बदनाम करने का भरसक प्रयास किया है।

इसके अलावा अपने अविभाषण के दौरान भाजपा नेता ने कहा मेरी मांग है कि सदन के सभी सदस्य उनकी निंदा करें और वे सदन के सामने आकर माफी मांगें। इसके अलावा पीयूष गोयल ने राज्यसभा में राहुल गांधी के बयानों को मुद्दा बनाते हुए हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष का एक बड़ा नेता विदेश जाता है और भारत के लोकतंत्र पर हमला करता है। उस नेता ने भारत और संसद का अपमान किया है। भारत में अभिव्यक्ति की आजादी है और सदन में सांसद बोल सकते हैं। राहुल गांधी को सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए।’ हमारी मांग है कि राहुल गांधी संसद में आकर माफी मांगें। पीयूष गोयल के भाषण के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। यही नहीं लोकसभा में तो हंगामे के चलते दोपहर 2 बजे तक के लिए कार्यवाही ही रोक दी गई।

गौरतलब है कि इसके चलते राज्यसभा को भी स्थगित करना पड़ा है। पीयूष गोयल ने कहा कि एक विपक्षी नेता विदेश में जाकर अनाप शनाप बातें करते हैं। वह भारत की संसद, मीडिया, न्यायपालिका और सेना पर आरोप लगाते हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में भारत के लोकतंत्र का अपमान किया है। उन्हें इस पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र पर खतरे की बात करते हैं। लेकिन यह खतरा तब हुआ, जब भारत के लोगों के अधिकार निलंबित कर दिए गए। यह 1975 में तब हुआ था, जब आपातकाल लगा था। इन लोगों को बताना चाहिए कि यह किसने किया था।