
नई दिल्ली। नोट कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा अब प्रयागराज में रहेंगे। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के तौर पर शपथ ली है, लेकिन अगले आदेश तक कोई मुकदमा नहीं सुन सकेंगे। वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास में जले हुए करेंसी नोट बरामदगी की जांच अभी चल रही है। ये जानकारी नहीं मिल सकी है कि 3 जजों की जांच कमेटी कब तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंपेगी। सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में नोट कांड की जांच का जिम्मा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन को सौंपी है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास के आउटहाउस में 14 मार्च 2025 को आग लगी थी। इस आग को बुझाने जब दिल्ली फायर ब्रिगेड का दस्ता पहुंचा, तो वहां उसे जले हुए करेंसी नोट दिखे। कहा जा रहा है कि जले हुए नोटों की काफी संख्या थी। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर दिल्ली पुलिस भी पहुंची थी। पुलिस के एक अफसर ने करेंसी देखी, तो वीडियो बनाकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजा। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को वीडियो भेजकर इसकी जानकारी दी। ये जानकारी जस्टिस उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को दी थी। जिसके बाद एक्शन शुरू हुआ था।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने इस मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा को भी तलब किया था। जस्टिस यशवंत वर्मा ने जस्टिस उपाध्याय को बताया था कि उनके आवास में मिले जले करेंसी नोट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जस्टिस वर्मा ने ये भी कहा था कि घटना के वक्त वो मध्य प्रदेश गए थे। जस्टिस यशवंत वर्मा ने ये आशंका भी जताई कि उनके खिलाफ साजिश रची गई। जस्टिस उपाध्याय ने उसी दिन सीजेआई को इस बारे में रिपोर्ट भेज दी थी। वहीं, बीते दिनों ही सीजेआई की तरफ से नियुक्त 3 जजों ने जस्टिस यशवंत वर्मा से मुलाकात कर उनका बयान लिया था। अब सबकी नजर इस पर है कि नोट कांड में जजों की कमेटी कब और क्या रिपोर्ट देती है।