नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा के बाद राज्य की सियासत में जबरदस्त भूचाल आ गया है। पूरी घटना के बाद एक तरफ जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। तो वहीं हिंसा के बाद बीजेपी कार्यकर्ता ममता बनर्जी के इस्तीफे और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं। बीजेपी के अलावा अब कांग्रेस पार्टी ने भी हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए ममता बनर्जी का विरोध किया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में संविधान के अनुच्छेद 355 को लागू करने का आग्रह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से किया है। पहले ही इस मामले पर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार परेशान थीं तो वहीं अब इस मामले में ममता दीदी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज, शुक्रवार को इस मामले में आदेश देते हुए कहा है कि बीरभूम में हुई हिंसा की सीबीआई जांच होगी। अदालत ने कहा कि सबूतों और घटना के प्रभाव से ये संकेत मिल रहा है कि राज्य पुलिस मामले की जांच नहीं कर सकती है साथ ही अदालत ने इस मामले में 7 अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा है। फिलहाल इस मामले की जांच SIT कर रही है।
West Bengal | Calcutta High Court orders CBI probe in Rampurhat, Birbhum case. Report to be submitted by April 7.
SIT was conducting the probe till date
— ANI (@ANI) March 25, 2022
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में टीएमसी नेता की हत्या के बाद 8 लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया था। इस घटना में 2 बच्चों समेत 8 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। रामपुरहाट की घटना के बाद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार आरोपों के घेरे में है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी रामपुरहाट में हत्याओं पर चिंता जताई थी उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि इस तरह की घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। मोदी ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि ममता सरकार घटना के दोषियों को हर हाल में सजा दिलाएगी। उन्होंने इस मामले में केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा भी दिया था।